Dushyant Kumar Patel Tag: कविता 69 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Dushyant Kumar Patel 13 Jul 2016 · 1 min read जाने क्या-क्या लिखूं हाले दिल की दास्तां लिखूं मधुर मिलान की यादें लिखूं छम-छम बरसता सावन या केशु की महकती खुशबू जाने क्या-क्या लिखूं ……. तेरी नखरे-शरारत लिखूं शोख बलखाती जवानी लिखूं छुप-छुप... Hindi · कविता 1 1k Share Dushyant Kumar Patel 13 Jul 2016 · 1 min read सूना-सूना है अब गाँव कोयल हो गई गुम कौआ नहीं करता काँव आँगन में उदासी छाई सूना-सूना है अब गाँव सूख गई है नदी टूटी पड़ी है नाव पनघट भी वीरान है नहीं कुदरत... Hindi · कविता 538 Share Dushyant Kumar Patel 12 Jul 2016 · 1 min read जीना हैं मुझे आज में नही जीना हैं कल में जीना हैं मुझे आज में आशा-विश्वास के रंग घोलेंगे आज पल में कल क्या थे भूल के मस्ती करेंगे हरपल में खुशियों की बिखेरेंगे फूल... Hindi · कविता 334 Share Dushyant Kumar Patel 12 Jul 2016 · 1 min read खुशियों से मिलन चंचल मन नीली सलोनी आँखे तेरी जुल्फे काली घटा सावन तू पूरब की परी रानी है तू रूमानी शाम का आगमन जोबन हुई कच्ची कली तू सौरभ मधु सी भरी... Hindi · कविता 493 Share Dushyant Kumar Patel 9 Jul 2016 · 1 min read समयचक्र गति में समयचक्र गति में तू भी चलता जा लेके अपने हंसी सपनो को उड़ता जा सूरज फिर ढल के कल उदित होगा तेरे होंगे सपने साकार आगे बढ़ता जा सूरज उदित... Hindi · कविता 451 Share Dushyant Kumar Patel 9 Jul 2016 · 1 min read हे कमलनाथ, हे आनंदसागर हे कमलनाथ, हे आनंदसागर हे नंदलाला , हे बनवारी करू आरती मन श्रध्दा से तेरी लीला सबसे न्यारी मिलती है शांति तेरी चरणों में आजा भगवन मेरी गलियों में मिटा... Hindi · कविता 1 503 Share Dushyant Kumar Patel 7 Jul 2016 · 1 min read याद जब आती है दिल जबसे टूटा है बिखरे है अरमान कहीं और खोया है चैन कहीं अब तो तन्हाई राते है कभी रोते है,कभी मुस्कुराते है | अकेले छुप -छुप के उन्हे देखते... Hindi · कविता 561 Share Dushyant Kumar Patel 4 Jul 2016 · 1 min read मेरे साजन तू जल्दी आ तू कहाँ है पास आ, उजड़ी दुनिया को मेरे बसा. इस तड़पती हुई ज़िन्दगी को, तू न दे और सजा. सुन दिल की आवाज़, कही भी है लौट आ …….... Hindi · कविता 517 Share Dushyant Kumar Patel 4 Jul 2016 · 1 min read आ वापस इस शहर को ढूंढ़ता रहता हूँ तुझे ख्यालो में तेरे इक झलक पाने को यार जाने के बाद तेरे दोस्त बनाया हूँ मयखाने को सपने तेरे सजाने के लिए ठुकराया था रस्मो-रिवाजो को... Hindi · कविता 581 Share Dushyant Kumar Patel 4 Jul 2016 · 2 min read ऐसा है आज का भारत बाबा ,नेता सब ने यहाँ ज़ुल्म और भ्रष्टाचार करके पा ली है ऊँची सोहरत ऐसा है आज का भारत .. तैयार है काले व्यापर करने को सबको यहाँ पैसे की... Hindi · कविता 356 Share Dushyant Kumar Patel 2 Jul 2016 · 1 min read तुझे रब मानता हूँ तेरी हर असलियत जानता हूँ, फिर भी तुझे रब मानता हूँ. भूल जाता हूँ खुद को भले ही, मगर तेरा चेहरा पहचानता हूँ. बेशक तुमपे न होगी कोई असर, फिर... Hindi · कविता 639 Share Dushyant Kumar Patel 2 Jul 2016 · 1 min read वक़्त के साथ चले खुला आंसमा में आज़ाद उड़े आओ हम अपना तक़दीर लिखे चले गए बचपन के दिन यारो आओ कुछ कर दिखाने को ठाने वक़्त के साथ चले ……….. युवा शक्ति हम... Hindi · कविता 567 Share Dushyant Kumar Patel 2 Jul 2016 · 1 min read एक ऐसा था इंसान वो दुनियाँ के गम ले रहा था बाँट रहा था खुशियोँ के पल वो हंस रहा था गम ले के पथ से हटा रहा था काँटा और बिछा रहे थे... Hindi · कविता 385 Share Dushyant Kumar Patel 1 Jul 2016 · 1 min read ऐसी मेरी बहना वो सुबह-शाम घर की जलती दीया रौशन कर रहा घर को मेरी बहना“सिया” नजाकत से सम्भाली है रिश्तों को टूटने से कभी उसने रिश्तों में दरार न पड़ने दिया नयी-नयी... Hindi · कविता 1k Share Dushyant Kumar Patel 1 Jul 2016 · 1 min read वक़्त आ गया है ब्रह्मांड सा विस्तार हो रहा हैं हर दिन इंसान का सोच, मानव का जीवन कहीं ऐसा तो नही इस विज्ञान युग में हम धरती को हि भुल तो नही रहे... Hindi · कविता 559 Share Dushyant Kumar Patel 30 Jun 2016 · 1 min read युवा शक्ति तुमपे है आस युवा शक्ति तुमपे है आस मन में ला नयी उमंग और अटूट नया विश्वास न बैठे रह गुमशुम युवा शक्ति तुमपे है आस भूल जा अतीत निराश दिन सुनहरे अक्षरों... Hindi · कविता 1 1k Share Dushyant Kumar Patel 30 Jun 2016 · 1 min read कश्मीर हैं हिन्दुस्तान का कश्मीर हैं हिन्दुस्तान का हैं प्रतीक आन बान शान का जो देखे बुरी नजर से उठाओ तलवार भारत माँ के सपूतों कर दो अलग सर को धड़ से ! भले... Hindi · कविता 607 Share Dushyant Kumar Patel 29 Jun 2016 · 1 min read मधुर मिलन शाम रूमानी मौसम है कोई प्रिया को पयाम दे आये बैठे है राहगुजर में इंतिजार करते वो दौड़ती हुई सज-धझ के पास आये जुल्फ लहराए हँवा में उनकी चुनर भी... Hindi · कविता 777 Share Dushyant Kumar Patel 28 Jun 2016 · 1 min read हो जीवन मधुमास नभ के नवरंग जैसा ज़िंदगी हो सुनहरी खुशियों की बौछारे हो हर सांझ सवेरा स्वप्नों सा स्वर्निम ज़िंदगी,हो चाँदनी निशा तेरी धानी चुनरियाँ खुशियों का है बसेरा रहे विमल मन,... Hindi · कविता 315 Share Previous Page 2