DR.MDHU TRIVEDI Tag: लघु कथा 19 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid DR.MDHU TRIVEDI 21 Sep 2021 · 1 min read महल के ख्याव भोर होने के साथ वह अपने राजमिस्त्री माँ -बाप के साथ चल देती थी । इस दौरान उसको दम घोटने वाली मलीन बस्ती की बू से छुटकारा मिल जाता था... Hindi · लघु कथा 81 1 594 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Feb 2021 · 1 min read स्मृति " दीदी " , तुमको याद है पिछली बार जब हम सब बहिनें मायके आई थी तो माँ ने कैसे आम के पैर पर झूला डाल रखो थो बारी -... Hindi · लघु कथा 80 2 406 Share DR.MDHU TRIVEDI 22 Aug 2021 · 2 min read संस्मरण संस्मरण: भ्रात नेह जब याद करती हूँ तो स्मृतियों के भँवर में कुचाले भरने लगती हूँ हालंकि एक अन्तराल बीत जाने के बाद स्मृतियों के द्वार पर जाले लग चुके... Hindi · लघु कथा 79 439 Share DR.MDHU TRIVEDI 28 Aug 2021 · 2 min read टैम्पोवाली सुबह का अलार्म जो बजता है उसके साथ ही दिन भर का एक टाइम टेबल उसकी आँखों के सामने से गुजर जाता । जल्द ही काम सिमटा कर बूढ़ी माँ... Hindi · लघु कथा 78 2 413 Share DR.MDHU TRIVEDI 19 Aug 2021 · 3 min read पुनर्विवाह कमर तक लटके बाल , माथे पर बड़ी बिन्दी आगे माथे पर आये छोटे -छोटे बाल ऐसे लगते थे जैसे कि अर्ध चन्द्र को आ बादलों ने ढक लिया हो... Hindi · लघु कथा 78 669 Share DR.MDHU TRIVEDI 31 Jul 2020 · 2 min read मजदूरनी मजदूरी करने के दौरान वह जिस प्रकार ईटों को चुन- चुन कर भव्य इमारत का रूप देती , उसी तरह वह अपने परिवार को भी आकार देती जा रही थी... Hindi · लघु कथा 77 2 511 Share DR.MDHU TRIVEDI 25 Jan 2021 · 1 min read अपलक टेर अपलक टेर सखी सुरूचि , तुम्हारा यूँ अपलक निहारना और पुकारे जाने पर अनसुनी करना । इस बात का प्रमाण है कि तुम किसी की याद में खोयी हुई हो... Hindi · लघु कथा 76 1 358 Share DR.MDHU TRIVEDI 29 Jan 2021 · 1 min read अतीत लहराती हुई पीली सरसों ऐसे मस्ती कर रही है जैसे हीरा जब छोटी थी मस्तियाँ किया करती थी । साथियो के साथ कुचाले भरते हुए वो दिन कितने मस्ताने थे... Hindi · लघु कथा 75 2 642 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Jan 2017 · 5 min read अछूत अछूत ---------------- जिस समाज में वो जन्मी थी , वो बहुत समय से मनुष्य की विष्टा उठाने का काम करता रहा था पर जैसा उसके घर के बुजुर्ग बताते थे... Hindi · लघु कथा 75 1 627 Share DR.MDHU TRIVEDI 23 Apr 2017 · 3 min read बाल परित्यक्ता जुम्मे - जुम्मे उसने बारह बसंत ही देखे थे कि पति ने परस्त्री के प्रेम - जाल में फँस कर उसे त्याग दिया । उसका नाम उमा था अब उसके... Hindi · लघु कथा 74 2 646 Share DR.MDHU TRIVEDI 28 Jan 2021 · 1 min read अपलक टेर अपलक टेर (लघुकथा ) सखी सुरूचि , तुम्हारा यूँ अपलक निहारना और पुकारे जाने पर अनसुनी करना । इस बात का प्रमाण है कि तुम किसी की याद में खोयी... Hindi · लघु कथा 74 3 370 Share DR.MDHU TRIVEDI 13 Nov 2016 · 2 min read मनी मनी मनी मनी मनी मनी ------@@@------- यूनेस्को द्वारा "द वेस्ट प्राइम मिनिस्टर आॅफ वर्ल्ड" से नवाजे मोदी जी ने कालाधन निकलवाने की जो युक्ति निकाली , स्पष्टत: ही सराहनीय है । लेकिन... Hindi · लघु कथा 74 1 346 Share DR.MDHU TRIVEDI 30 Oct 2016 · 2 min read महाराज ! कालाधन चाहिए (व्यंग्य ) एक बार भोलू पहलवान समुद्र मंथन से निकले धन्वन्तरि को अपने घर ले आया हालंकि जो कलश धन्वन्तरि लिए हुए थे वो देवताओं में पहले बँट चुका था , पर... Hindi · लघु कथा 74 2 595 Share DR.MDHU TRIVEDI 28 Oct 2016 · 3 min read भोले भक्त भोले- भक्त ✍✍✍✍✍✍ बचपन में माँ जब देवी - देवताओं की कहानियाँ सुनाया करती थी तो कमरे में दीवार पर जो भोले की तस्वीर टँगी थी उसमें उस भोले- भक्त... Hindi · लघु कथा 74 1 438 Share DR.MDHU TRIVEDI 13 Jul 2016 · 3 min read नदी के दो किनारे (लघु कथा) जीवन संध्या में दोनों एक दूसरे के लिए नदी की धारा थे। जब एक बिस्तर में जिन्दगी की सांसे गिनता है तो दूसरा उसको सम्बल प्रदान करता है, जीवन की... Hindi · लघु कथा 73 5 821 Share DR.MDHU TRIVEDI 27 Oct 2016 · 3 min read आज भी याद है वो रात रवि को फिर वहीं रात याद आ गयी , मूसलाधार बरसात हो रही थी और साँझ ने यह कहते हुए "आओ , मेरे पास । बहुत भीग गये हो कुछ... Hindi · लघु कथा 73 410 Share DR.MDHU TRIVEDI 11 Oct 2016 · 2 min read बारिश वाली रात रवि को फिर वहीं रात याद आ गयी , मूसलाधार बरसात हो रही थी और साँझ ने यह कहते हुए "आओ , मेरे पास । बहुत भीग गये हो कुछ... Hindi · लघु कथा 73 508 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Aug 2016 · 1 min read धाँगा (लघुकथा) राखी का पर्व आते ही कनिका में अजीब सी ललक एवं कौतूहल फैल जाता था । उसे वो लम्हें याद जाते थे जब उसने मुँह बोले भा सुदीप की... Hindi · लघु कथा 73 566 Share DR.MDHU TRIVEDI 20 Nov 2016 · 3 min read जज्बात जज्बात (लघुकथा) ✍✍✍✍✍✍✍✍ कपिल की माँ को वह दिन याद आ गया जब माँ ने बहू अंजनि को घर आने पर यह कहते हुए " कि यह घर तुम्हारा है... Hindi · लघु कथा 71 2 703 Share