डाॅ. बिपिन पाण्डेय Tag: नवगीत 12 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डाॅ. बिपिन पाण्डेय 31 May 2023 · 1 min read गीत अभी तक ज़िंदा है गीत अभी तक ज़िंदा है कैसे अलग करोगे बोलो साँसों का बाशिंदा है, सतयुग त्रेता द्वापर बीते गीत अभी तक ज़िंदा है। लाख यत्न सब करके हारे चलती हैं इसकी... Poetry Writing Challenge · नवगीत 1 96 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read करवट लेती यादें रोम रोम में पड़ी सलवटें, करवट लेती यादें। जब तक आग चिलम में बाकी, हुक्का पीना होगा। यादों का परजीवी बनकर, हमको जीना होगा। उर से लिपटी रोतीं रातें, कैसे... Poetry Writing Challenge · नवगीत 1 2 186 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read गाँवों की पगडंडी राजमार्ग से प्रश्न कर रही, गाँवों की पगडंडी। कब पहुँचेगा मेरे द्वारे, यह विकास पाखंडी। बूढ़े गाँवों में दिखता है, सुविधाओं का टोटा। बच्चे मार रहे तख्ती पर, अब तक... Poetry Writing Challenge · नवगीत 2 2 237 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read लेकर हाथ तिरंगा लेकर हाथ तिरंगा। रैली,धरना,हड़तालों में होता है अब दंगा। नहीं बोलने की आज़ादी, लोग लगाते नारे। रोक सड़क की आवाजाही, बैठें पैर पसारे। लोकतंत्र की देखो खूबी, करे झूठ को... Poetry Writing Challenge · नवगीत 1 2 188 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read समय बड़ा अलबेला है ता - ता थैया खूब नचाए, समय बड़ा अलबेला है। कहीं जेब में बोझिल बटुआ, कहीं न कौड़ी - धेला है। कहीं दौड़ता चीते - सा वह कहीं हाथ पर... Poetry Writing Challenge · नवगीत 138 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read बहरे हैं चलने वाले साथ सभी जब अंधे, गूँगे, बहरे हैं, कैसे पूरे होंगे जो भी देखे स्वप्न सुनहरे हैं। बँधी हुई खूँटे से नावें खाती हैं तट पर हिचकोले, उत्ताल तरंगें... Poetry Writing Challenge · नवगीत 214 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 26 May 2023 · 1 min read सज्जनता के जेवर रास नहीं आते दुनिया को सज्जनता के जेवर। फिकरा कसती रहती राहें अपने कहते बुजदिल, खून जोंक-सा चूसा करती रोज अनोखी मुश्किल। धूर्त भेड़िए दिखलाते हैं अपने तीखे तेवर। पूज्य... Poetry Writing Challenge · नवगीत 66 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 26 May 2023 · 1 min read बदल गए हैं सब प्रतिमान बदल गए है सब प्रतिमान अस्ताचल में सच का सूरज हुआ झूठ का नवल विहान, त्याज्य हुआ पंचामृत पोषक मैला लगता गंगा नीर, तीर्थाटन है सैर-सपाटा घूम-घूम खींचें तस्वीर। नागफनी... Poetry Writing Challenge · नवगीत 68 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 6 Apr 2023 · 1 min read लिया समय ने करवट लिया समय ने करवट। जिसके हिस्से में रहती थी हर पग पर दुश्वारी, स्वप्नों के बटुवे में उसके आई दुनिया सारी। शिक्षा के झोंके ने उलटा परंपरा का घूँघट। रही... Hindi · नवगीत 1 196 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 19 Aug 2022 · 1 min read सच में शक्ति अकूत सच में शक्ति अकूत ------------------------ कैसे दें दुनिया को बोलो, पक्के ठोस सबूत, सच में शक्ति अकूत! चौखट पर जाने वाले को, धमकाता कानून? होकर बरी घूमते दोषी, होता सच... Hindi · नवगीत 3 1 249 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 19 Aug 2022 · 1 min read करनी होगी जंग दहशत भरकर दुनिया में जो, करते हैं जीवन बेरंग। करनी होगी उनसे जंग। डाल गले में पट्टा घूमें, लगता जैसे धर्म अफीम। गर्हित सोच बवंडर लाती, घूमें बच्चे बने यतीम।... Hindi · नवगीत 2 1 249 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 3 Jan 2020 · 1 min read कोमल नर्म बिछौना मत समझो जीवन को प्यारे, कोमल नर्म बिछौना। उबड़-खाबड़ पगडंडी- सा चलता तिरछा -आड़ा, कभी जेठ की तपती गर्मी, कभी शीत का जाड़ा। मंदिर में घड़ियाल बजाता, करता काम घिनौना।... Hindi · नवगीत 1 1 542 Share