DrMishr Sahaj Language: Hindi 15 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid DrMishr Sahaj 1 Dec 2017 · 1 min read ग़ज़ल मात्रा भार =7 000 सुनहरे पल. न जाएं टल. अब की अभी, अभी नहिं कल. आलस झटक, काम पर चल. बदला समय, इसी संग ढल. बीते बरस, भूल वे पल.... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 273 Share DrMishr Sahaj 19 Aug 2017 · 1 min read पावस गीत : वाह बदरवा हरसाए हैं 000000000000000000000000 वाह बदरवा हरसाए हैं । खुशियों की बरखा लाए हैं ।। रिमझिम -रिमझिम पड़ें फुहारें। चारों ओर बस दिखें बहारें। तप्त ह्रिदय शीतल -प्रमुदित हो,... Hindi · गीत 1 271 Share DrMishr Sahaj 9 May 2017 · 1 min read ग़ज़ल वाह क्या गीत है। बिन लड़े जीत है। क्या रखा झगड़ों में, प्यार संगीत है। जीवन में मित्र तो, जीवन ही प्रीत है। वर्तमान हाथ में, गायब अतीत है। 'सहज'... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 252 Share DrMishr Sahaj 11 Feb 2017 · 1 min read गीतिका गीतिका मात्रा भार-१० ००० कष्ट गलता नहीं. ग़म पिघलता नहीं. जुल्म के झुण्ड में. कर्म फलता नहीं. संगदिल आँख से, नीर बहता नहीं. आज अध्ययन में, है गहनता नहीं. युअओं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 264 Share DrMishr Sahaj 11 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक: आंधियों में उड़ गया था, आज वापस आ गाया हूं. साख से बिछडा हुआ था, साख वापस पा गया हूँ. बहुत दिन से था परेशां, पर नहीं भटका कहीं भी,... Hindi · मुक्तक 1 390 Share DrMishr Sahaj 9 Feb 2017 · 1 min read गीतिका होश में आकर के मुझसे बात कर। फितरत समझता हूँ न भीतर घात कर। जिंदगी मानव की इक उपहार है, असलियत से अब तो मुलाक़ात कर.’ क्या ले जायेगा यहाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 229 Share DrMishr Sahaj 9 Feb 2017 · 1 min read प्रश्न प्रश्न रोटी -दाल का जान - माल का हक-हुकूक का तहज़ीब -सुलूक का आपसी व्यवहार का आज-कल-वर्षों का सदियों से अब तक टल रहे हैं टाले जा रहे हैं कभी... Hindi · कविता 1 290 Share DrMishr Sahaj 9 Feb 2017 · 1 min read 'सहज के दोहे अन्दर से बेशक हुआ, बिखरा - चकनाचूर. चेहरे पर कम ना हुआ,पर पहला सा नूर. 'सहज' प्रेम से वास्ता,नफरत का क्या काम. यहीं धरा रह जायगा,काला - गोरा चाम. प्यार... Hindi · दोहा 1 539 Share DrMishr Sahaj 9 Feb 2017 · 1 min read 'सहज' के दोहे जीवन है अनमोल यह, इसको नहीं बिगाड़. यह है दुर्लभ से मिला,समझ नहीं खिलवाड़. सोच सार्थक हो सदा,दिन कैसे भी होयँ. निश्चित काटेंगे वही, जो खेतों में बोयँ. सदा सफलता... Hindi · दोहा 1 304 Share DrMishr Sahaj 9 Feb 2017 · 1 min read एक दोहा अन्दर से बेशक हुआ,बिखरा- चकनाचूर. चेहरे पर कम ना हुआ,पर पहला सा नूर. @डॉ.रघुनाथ मिश्र 'सहज Hindi · दोहा 1 586 Share DrMishr Sahaj 5 Jan 2017 · 2 min read बातें !सभी कर लेते हैं छंद मुक्त रचना 000 बातें सभी कर लेते हैं बातों का असर सिर्फ तब होता है जब तदनुसार कर्म भी दिखते हैं. बातें याद नहीं रखते हैं कुछ लोग क्या... Hindi · कविता 1 260 Share DrMishr Sahaj 5 Jan 2017 · 1 min read एक ग़ज़ल के चन्द अस्सार आजाद है वतन सही, आजाद हम नहीं। खाई गरीब -अमीर की, अब भी खतम नहीं। हमने संजोए थे कभी, खुशहालियों के ख्वाब, आंखों में बाढ़ आज भी, अश्कों की कम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 379 Share DrMishr Sahaj 5 Jan 2017 · 1 min read गीतिका मापनी:2122 2222 2222 2 --------------------------- आज कल ख़ुद से मैं, नाराज रहा करता हूँ। शान्त रह दिल से, दिल की बात कहा करता हू। वक्त के संग मैने दोस्ती, कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 231 Share DrMishr Sahaj 18 Dec 2016 · 1 min read शब्द युग्म मुक्तक मुक्तक शब्द युग्म-चमक/दमक मुक्तक 000 कहाँ लगे है चमक-दमक, तुम खुद ही हो उससे ज्यादा. नहीं सुहाती खनक-छनक, तुम खुद ही हो उससे ज्यादा. अर्धसदी लगभग है बीती, इक पल... Hindi · मुक्तक 2 739 Share DrMishr Sahaj 15 Dec 2016 · 1 min read जनक छंद में तेवरी तेवरी काव्य जनक छंद में तेवरी –एक कोशिश ००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००० छंद विधान: मापनी: हर प्रथम पंक्ति में मात्राएँ 22 22 २12 =13 हर दुसरी पंक्ति में 22 22 २12, 22 22... Hindi · तेवरी 1 1 897 Share