Deepshika Sagar Tag: मुक्तक 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Deepshika Sagar 13 Jun 2016 · 1 min read मुक्तक बुलन्दी की शिखा तक मैं, शिखा बन आस की चलती, नयन में या किसी के मैं, शिखा बन ख्वाब की पलती। शिखा हूँ मैं जले जाना , यही फितरत सदा... Hindi · मुक्तक 589 Share Deepshika Sagar 13 Jun 2016 · 1 min read मुक्तक छलका छलका एक समन्दर आँखों में, टूटे ख्वाबों का हर मंज़र आँखों में। बेगानेपन से घायल दिल को करता, एक नुकीला चुभता खंज़र आँखों में। दीपशिखा सागर- Hindi · मुक्तक 466 Share Deepshika Sagar 13 Jun 2016 · 1 min read मुक्तक प्रणय में इम्तिहानों का सदा ही दौर चलता है, सदा ही डूब दिल बस आग के दरिया निकलता है। यही हँस कर कहा है आबलों ने पैर के हमसे, मुहब्बत... Hindi · मुक्तक 1 416 Share Deepshika Sagar 13 Jun 2016 · 1 min read मुक्तक मेरा दूसरा मुक्तक- अन्याय हँसे खुलकर, ये न्याय अदालत है, निर्दोष सज़ा पाते, खूनी को' रियायत है। धृतराष्ट्र बने बैठे, संसद के' सभी आका, बस चोर डकैतों की , बेशर्म... Hindi · मुक्तक 1 599 Share Deepshika Sagar 19 May 2016 · 1 min read मुक्तक उडी है नींद आँखों से, हुआ अब चैन भी है गुम, चमन में आज दिल के, तितलियाँ चाहत की हैं गुमसुम। चली जाएंगी सांसे भी, तुम्हारे साथ ही साजन, गिरह... Hindi · मुक्तक 2 930 Share Deepshika Sagar 19 May 2016 · 1 min read मुक्तक मान सम्मान से नही डरता, खतरा ए जान से नही डरता। तैर के दरिया पार करता है, इश्क़ तूफ़ान से नही डरता। दीपशिखा- Hindi · मुक्तक 536 Share Deepshika Sagar 19 May 2016 · 1 min read मुक्तक हर कली सहमी हुई, गायब हुई हैं शोखियाँ, चल पड़ी हैं आग लेकर, जाने कैसी आँधियाँ। ये ज़माने के बदलते आज मन्ज़र देखिये, डर रही हैं बागबां से भी चमन... Hindi · मुक्तक 638 Share