Vikas Sharma Daksh Language: Hindi 15 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vikas Sharma Daksh 5 Dec 2017 · 1 min read आफत में जान हजूर, बिला वजह जो मुस्कराए जा रहे हो, आफत में क्यों अपनी जान लाए जा रहे हो, ये आँखों की शोखीयाँ, वो लबों की लरजिश, अजाब तो सब हम पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 266 Share Vikas Sharma Daksh 5 Dec 2017 · 1 min read तन्हाईयाँ नाम लिख के मिटाने का अज़ाब तो नहीं किया, कहीं फिर हमें भुलाने का ख्वाब तो नहीं किया, आईने में से इक अजनबी सा शख्स झाँकता है, कहीं अक्स से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 498 Share Vikas Sharma Daksh 5 Dec 2017 · 1 min read हबीब ये मुहब्बत करने वाले भी अजीब निकले, जज़्बातों के रईस, दिल के ग़रीब निकले, झूठे थे वो तमाम अफ़साने सच्चे इश्क़ के, हकीकत से दूर, ख्वाबों के क़रीब निकले, इल्म-ओ-हुनर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 507 Share Vikas Sharma Daksh 5 Dec 2017 · 1 min read रतजगे सरक के तकिये ने ख्वाब जो तोडा, नाता करवटों ने बिस्तर से जा जोड़ा, बेवज़ह नाराज़ और लौटती ही नहीं, क्यों मैंने ठीकरा नींद के सर फोड़ा, बहलाए से भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 484 Share Vikas Sharma Daksh 5 Dec 2017 · 1 min read ज़िन्दगी ज़िन्दगी भी अब चाय की प्याली सी है, चुस्कियां लेते लेते ये थोड़ी खाली सी है, वक़्त के साथ ठंडे होते गर्म अहसास, शक्ल-ओ-सूरत भी ज़रा काली सी है, लज़्ज़त... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 236 Share Vikas Sharma Daksh 2 Mar 2017 · 1 min read मय-ए-मुहब्बत भूली जाती नहीं मुहब्बत इस ज़माने में, कोशिश तो बहुत की हमने भी मैखाने में, आ आ के तंग करती थीं तन्हाइयों में, बहुत मर्तबा बंद की यादें तहखाने में,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 462 Share Vikas Sharma Daksh 2 Mar 2017 · 1 min read घर आ गया मैं यूँ खुद के बिखरे पुर्ज़े सिमटाता, घर आ गया, ज्यों चरवाहा अपनी भेड़ें लौटाता, घर आ गया, हर बशर बिकने को बैठा है, रिश्वत के बाजार में, मैं खरीदने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 559 Share Vikas Sharma Daksh 2 Mar 2017 · 1 min read किताब जाने पढ़कर आयें हैं आज वो कौन किताब, उनके हर जवाब पर हो रहे हैं हम लाजवाब, ख़ामोशी से चले गए, तिरछी निगाह से देखकर, खुदा जाने अब क्या सितम,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 477 Share Vikas Sharma Daksh 2 Mar 2017 · 1 min read यादों को तुम्हारी....... यादों को तुम्हारी बड़े करीने से संजो लेता हूँ मैं, आँखों को जुदाई में अश्कों से भिगो लेता हूँ मैं, मौसमे-हिज़्राँ में वक़्त गुज़ारना है बड़ा मुश्किल, लम्हों को तन्हाई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 499 Share Vikas Sharma Daksh 2 Mar 2017 · 1 min read लिपट जाएं ! आएं आगोश में और बाहों में सिमट जाएं, सुबह की रौशनी जैसे अँधेरे पर लिपट जाएं, मुद्दतों बाद वो हों रूबरू हमसे, और आते ही हमसे चिपट जाएं, मुहब्बतों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 246 Share Vikas Sharma Daksh 2 Mar 2017 · 1 min read चाँद बनके जो उतरे हो ज़मीं पर, चाँद बनके जो उतरे हो ज़मीं पर, किसी कि नज़र ना लगे, चुपके से आ जाओ छत पर, किसी को ख़बर ना लगे, चुराया है तुमने, यह रूहानी नूर कहाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 213 Share Vikas Sharma Daksh 2 Mar 2017 · 1 min read आइना आइना भी अब मुझसे पहचान मांगता है, चेहरे पर पहले सा ईमान मांगता है, बेशक़ रहे हम उम्र भर सफर में, रास्ता क़दमों के निशान मांगता है, बाहर का रास्ता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 480 Share Vikas Sharma Daksh 2 Mar 2017 · 1 min read इक गुलाब दे जाओ, खार बहुत हुए अब इक गुलाब दे जाओ, ताउम्र की वफाओं का हिसाब दे जाओ, तपते सहरा सी खुश्क हुई पड़ी हैं आँखें, इन्हें अश्कों का मौसमी सैलाब दे जाओ,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 235 Share Vikas Sharma Daksh 2 Mar 2017 · 1 min read बर्बादियों को जा गले मिले ! जो फेर लेते हो चेहरा ज्यों ही नज़र मिले, लगता है कि हम हैं कहीं पर पहले मिले, इत्तेफ़ाक़न या गहरी साज़िश है कोई, फिर जो आ चाहतों के सिलसिले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 248 Share Vikas Sharma Daksh 2 Mar 2017 · 1 min read मुहब्बत, इक एहसास मुहब्बत इक एहसास, के इलावा क्या है, समझो तो सब कुछ, वर्ना क्या है, ज़ज्बा है किसी की चाहत का, चाहने का, उसे हासिल करने के सिवा इरादा क्या है,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 246 Share