Dinesh Kushbhuvanpuri 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dinesh Kushbhuvanpuri 25 Feb 2017 · 1 min read ओज वाणी लिखूँ देश के नाम अपनी जवानी लिखूँ। वीरता की जहाँ में निशानी लिखूँ॥ बोस आजाद सुखदेव औ राज गुरु। फिर भगत सिंह की मैं कहानी लिखूँ॥ त्याग कर चल पड़े वीर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 243 Share Dinesh Kushbhuvanpuri 24 Dec 2016 · 1 min read हिंदी तो है शान हमारी विश्व के सभी हिंदी भाषियों को समर्पित- गीत - हिंदी तो है शान हमारी। हिंदी हम सबको है प्यारी। हिंदी तो है शान हमारी॥ ???????? कितनी सरल हमारी हिंदी। बनी... Hindi · गीत 2 497 Share Dinesh Kushbhuvanpuri 24 Dec 2016 · 1 min read काव्यमय जीवन विधा- गीतिका आधार छंद- लावणी छंद समांत- आर, पदांत- दिया। बहुत दिनों के बाद मीत मैं, लेखन को फिर धार दिया, भूल नहीं पाया हूँ यारों, आप सभी ने प्यार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 523 Share Dinesh Kushbhuvanpuri 24 Dec 2016 · 1 min read काला धन गजल : काला धन रात रात भर सपना दिखता रहता है। काले धन में जी बस अटका रहता है। कैसे सारे काले नोट चलाऊंगा। चोरों का मन इसमें उलझा रहता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 502 Share Dinesh Kushbhuvanpuri 24 Dec 2016 · 1 min read मैं कौन हूँ मैं कौन हूँ यह जानने आया धरा पर। जाने कहाँ अस्तित्व है जाने कहाँ दर। कोई मुझे अब राह मिल जाये अगर तो। मैं ढूंढ लूँगा स्वयं मंजिल पास जाकर॥... Hindi · मुक्तक 1 338 Share