Dinesh Kushbhuvanpuri Tag: ग़ज़ल/गीतिका 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dinesh Kushbhuvanpuri 25 Feb 2017 · 1 min read ओज वाणी लिखूँ देश के नाम अपनी जवानी लिखूँ। वीरता की जहाँ में निशानी लिखूँ॥ बोस आजाद सुखदेव औ राज गुरु। फिर भगत सिंह की मैं कहानी लिखूँ॥ त्याग कर चल पड़े वीर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 274 Share Dinesh Kushbhuvanpuri 24 Dec 2016 · 1 min read काव्यमय जीवन विधा- गीतिका आधार छंद- लावणी छंद समांत- आर, पदांत- दिया। बहुत दिनों के बाद मीत मैं, लेखन को फिर धार दिया, भूल नहीं पाया हूँ यारों, आप सभी ने प्यार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 575 Share Dinesh Kushbhuvanpuri 24 Dec 2016 · 1 min read काला धन गजल : काला धन रात रात भर सपना दिखता रहता है। काले धन में जी बस अटका रहता है। कैसे सारे काले नोट चलाऊंगा। चोरों का मन इसमें उलझा रहता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 558 Share