कुलदीप दहिया "मरजाणा दीप" Tag: कविता 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कुलदीप दहिया "मरजाणा दीप" 8 May 2022 · 1 min read " ओ मेरी प्यारी माँ " शीर्षक :- " ओ मेरी प्यारी माँ " --------------- ओ मेरी प्यारी माँ...... तुम्ही तो हो वो सृष्टि रूपी तरुवर जिसकी कोमल कोंपलों पे राष्ट्र का निर्माण करने वाले नन्हे-2... Hindi · कविता 1 2 328 Share कुलदीप दहिया "मरजाणा दीप" 8 Mar 2022 · 1 min read "औरत हूँ, मैं नारी हूँ" औरत हूँ, मैं नारी हूँ............... आगाज़ हूँ अंजाम भी चट्टान सी मैं भारी भी, क़ायनात पूरी समा जाये है मुझमें इतनी ख़ुमारी भी। **** औरत हूँ, मैं नारी हूँ............ समर्पण... Hindi · कविता 190 Share कुलदीप दहिया "मरजाणा दीप" 8 Mar 2021 · 1 min read "नारी" समर्पण का गहना ममत्व से भरा सँसार, ***** क़ायनात की खूबसूरत रचना आँचल में प्यार ही प्यार, ***** झील सी कोमल, शांत, गहरी आँगन में तुम्हीं से बहार, ***** निर्मल,परम्... Hindi · कविता 1 2 285 Share कुलदीप दहिया "मरजाणा दीप" 26 Feb 2021 · 2 min read "मुझे मेरा वो गाँव याद आता है" "मुझे मेरा वो गाँव याद आता है" बरगद की छाँव में बैठ के बूट्टे खाना, संग दोस्तों के वहाँ घंटों भर बतियाना, नहीं भुलाये भूलता वो गुजरा जमाना , माँ... Hindi · कविता 2 356 Share कुलदीप दहिया "मरजाणा दीप" 14 Feb 2021 · 1 min read "वैलेंटाइन याद रह गया उनको याद करेगा कौन" एक गुलाब उन शहीदों के नाम...... "वेलेंनटाइन याद रह गया उनको याद करेगा कौन.......! ख़ुद की हस्ती मिटाई जिसने सरहद पे जान गवाईं जिसने, हिना भी ना सुखी हाथों की... Hindi · कविता 1 8 266 Share कुलदीप दहिया "मरजाणा दीप" 12 Feb 2021 · 1 min read "काश तुम समझ पाते" "काश तुम Hug कर पाते" ***** काश तुम समझ पाते उस बूढ़ी माँ की पीड़ा, उन आंखों में उमड़ते सैलाब को जो तरस गयी हैं ममत्व को, उसके आँचल में... Hindi · कविता 1 8 437 Share कुलदीप दहिया "मरजाणा दीप" 10 Feb 2021 · 1 min read "तुम लौट आओ" " तुम लौट आओ" वो सुर्ख़ ग़ुलाब जो थामा था तुमने हाथ में संग-संग चलने का किया वायदा था चाँदनी रात में वो कसमें , वो वायदे मुझको सब कुछ... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 36 378 Share कुलदीप दहिया "मरजाणा दीप" 10 May 2020 · 1 min read "नारी नहीं जहान हूँ हिंद की मैं शान हूँ" कविता :- शीर्षक "नारी नहीं जहान हूँ हिंद की मैं शान हूँ" ------------------------- झुका नहीं सके कोई वो प्रचंड आसमान हूँ, अस्मत मेरी पे जो ताकता उसके लिये हैवान हूँ,... Hindi · कविता 4 7 469 Share कुलदीप दहिया "मरजाणा दीप" 8 Dec 2016 · 1 min read " यादों की धुंध " सनम तुम्हारी यादों की धुंध दिन-प्रतिदिन गहन होती जा रही है, क्योकिं तुमने अपनी यादों के चिराग़ बूझा डाले हैं ! मग़र मै आज भी उसी उजाले का भ्रम पाले... Hindi · कविता 1 23 1k Share