Shivkumar Bilagrami Tag: ग़ज़ल/गीतिका 52 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Shivkumar Bilagrami 9 Jul 2017 · 1 min read हमदर्द कैसे कैसे हमदर्द कैसे कैसे हमको सता रहे हैं काँटों की नोक से जो मरहम लगा रहे हैं मैं भी समझ रहा हूँ मजबूरियों को उनकी दिल का नहीं है रिश्ता फिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 233 Share Shivkumar Bilagrami 9 Jul 2017 · 1 min read मेरी सोच मेरी सोच मेरी हदों का निशां है मगर इसके आगे भी कोई जहां है सितारों को शायद पता हो न इसका सितारों से आगे नई कहकशां है न निकले कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 465 Share Previous Page 2