भरत यादव 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid भरत यादव 25 Sep 2018 · 1 min read 'प्यार मेरा' तुम भूल गए क्या गिला करें तुम, तुम जैसे थे हम जैसे नहीं, कुछ अश्क़ बहेंगे याद में बस अब दर्द का सावन रहने दो। तेरे सुर्ख लबों के रंग... Hindi · कविता 238 Share भरत यादव 27 Nov 2017 · 1 min read आज हमें कैसी मुक्ति चाहिए? आज हर एक सांसारिक व्यक्ति मुक्ति चाहता है।यह इच्छा उस जीवन से मुक्ति पाकर किसी अगम संसार की कल्पना है, जिसमे हर एक प्रकार का सुख व आराम मिलेंगे।हर एक... Hindi · लेख 450 Share भरत यादव 28 Oct 2017 · 1 min read मिट्टी मेरी माता इस मिट्टी से प्यार करो। मिट्टी मेरी माता, जनम जनम का नाता बचपन की यादें मिट्टी मे रंग भरा जो जीवन मे इसे पल पल एहसास करो इस मिट्टी से... Hindi · कविता 510 Share