Awneesh kumar Tag: कविता 76 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Awneesh kumar 31 Mar 2017 · 1 min read क्या सोच कर तुम,नए मोड़ पर आ गयी... क्या सोच कर तुम,नए मोड़ पर आ गयी। कहा से चले और कहा आ गयी, नाव कब का ओ किनारा छोड़ बढ़ने लगी थी, फिर से कैसे तुम्हे ,हमारी याद... Hindi · कविता 282 Share Awneesh kumar 29 Mar 2017 · 1 min read मेरे हिर्दय को कठोर मत समझना,,,,,,, मेरे हिर्दय को कठोर मत समझना नर्म लफ्ज जिगर कमजोर मत समझना क्या दिल लगा कर सुने अब खामोसी तुम्हारी खुबसुरत बहुत हो लेकिन अपनी ओर मत समझना।। (अवनीश कुमार) Hindi · कविता 200 Share Awneesh kumar 29 Mar 2017 · 1 min read तपते सूरज को नमस्कार ना कर....... तपते सूरज को नमस्कार ना कर जो मासूम हो उसका त्रिस्कार ना कर सब को दिल में बसना ,लेकिन जो सुन ना पाए सच्चाई उसे स्वीकार ना कर। (अवनीश कुमार) Hindi · कविता 247 Share Awneesh kumar 29 Mar 2017 · 1 min read उनके नाम का जादू होठो से हाथो पे आये जाये......... उनके नाम का जादू होठो से हाथो पे आये जाये नाम उनका सबसे छुपाऊ फिर भी दिख ही जाये सब कहते है किसको लिखते मैं ना कुछ भी बोलू बस... Hindi · कविता 204 Share Awneesh kumar 29 Mar 2017 · 1 min read तुमसे एक ही मुलाकात में दसियों गीत लिख डाया....... तुमसे एक ही मुलाकात में दसियों गीत लिख डाया, अनजाने या जाने में तुम्ही को अपना मीत लिख डाया, बचपन से ही विश्वास के गीत पढ़कर कर के मैं अपनी... Hindi · कविता 188 Share Awneesh kumar 29 Mar 2017 · 1 min read जो ना हो पाए जाहिर,तुम्हे दिखाऊ कैसे... जो ना हो पाए जाहिर,तुम्हे दिखाऊ कैसे, वर्षो से जो बात दिल में दबी,तुम्हे बताऊ कैसे, हर पल तुम्हारा ही नाम लिया मैं अब जज्बात काबू में नहीं,तुम्हे समझाऊ कैसे।... Hindi · कविता 304 Share Awneesh kumar 29 Mar 2017 · 1 min read पत्थरो से कैसे सिकवा पत्थरो से कैसे सिकवा , चोट तो आनी ही थी उसने नहीं कहा दिल लगाओ छोड़ तो जानी ही थी किसी से वफ़ा की उम्मीद मत रखना, दिल की जगह... Hindi · कविता 467 Share Awneesh kumar 29 Mar 2017 · 1 min read आज किसी की जुल्फे छु के गुजरा हु,..... आज किसी की जुल्फे छु के गुजरा हु, जैसे सावन की हवा ले के गुजरा हु, खुद के सम्हाल लो कदम बहेक न जाओ, मैं पुरे मधुशाले का नसा ले... Hindi · कविता 226 Share Awneesh kumar 28 Mar 2017 · 1 min read तुम्हे तुम्हारी मगरूरियत मुबारक ..... तुम्हे तुम्हारी मगरूरियत मुबारक मुझे हमारी इन्सानियत मुबारक मैं हु तुम्हारी बेरुखी से वाक़िब लोगो को तुम्हारी मासूमियत मुबारक। (अवनीश कुमार) (ऐसी बेबसी कभी ना देखी अपनी लफ्ज होठो पर... Hindi · कविता 262 Share Awneesh kumar 27 Mar 2017 · 1 min read हवाओ में तो बस तेरी खुशबू है... हवाओ में बस तेरी खुशबू है चमक तो जैसे तेरी जुगनू है पाना जरुरी नहीं तुमको क्यू की आज भी याद मुझे तेरी गुफ्तगू है। (अवनीश कुमार) हर लड़की में... Hindi · कविता 324 Share Awneesh kumar 27 Mar 2017 · 1 min read आज भी जुबाँ से उसका नाम आता है .... आज भी जुबा से उसका नाम आता है उसे अहसास नहीं सुबह से शाम आता है कहता हु भुला दिया लेकिन हर जिक्र में उसका ही नाम आता है (अवनीश... Hindi · कविता 196 Share Awneesh kumar 27 Mar 2017 · 1 min read इश्क़ के हँसते-रोते फ़साने बहुत देखे .... इश्क के हँसते-रोते फ़साने बहुत देखे इश्क में खुशी-गम के तराने बहुत देखे अब तो उचाइयो पे जाने से भी डरते है इश्क में टूटते अच्छे-अच्छे सितारे बहुत देखे।(अवनीश कुमार) Hindi · कविता 244 Share Awneesh kumar 24 Mar 2017 · 1 min read मोहब्बत पे इतनी निगरानी ठीक नहीं ..... मोहब्बत पे इतनी निगरानी ठीक नहीं ये तुम्हारी इतनी मेहरबानी ठीक नहीं रस्ते पे चलने पर भी रोक ना लगाओ साहेब सियासत की इतनी मनमानी ठीक नहीं। (अवनीश कुमार) (नया... Hindi · कविता 322 Share Awneesh kumar 22 Mar 2017 · 1 min read गलती पे गलती किये जा रहे है...... गलती पे गलती किये जा रहे है जज्बातो के उड़ान में उड़े जा रहे है तुम्हे मनाने में नाकाम है फिर भी तुम्हारे साथ के तलबगार हुये जा रहे है।(अवनीश... Hindi · कविता 1 530 Share Awneesh kumar 22 Mar 2017 · 1 min read बस एक दो मुलाकात हुई थी ..... बस एक दो मुलाकात हुई थी उसमे भी कुछ खास बात नहीं हुई थी कह गए अलविदा इस शाहर को क्या चाहने वालो की फ़िक्र नहीं हुई थी। (अवनीश कुमार) Hindi · कविता 1 307 Share Awneesh kumar 21 Mar 2017 · 1 min read तेरी चुप्पियां अब ,काटो की तरह चुभने लगी है .... तेरी चुप्पिया अब, काटो की तरह चुभने लगी है। कुछ दिन से तो , मेरे साथ रात भी जगने लगी है। ये जान गए की, मिल नहीं पायंगे तुमसे। लेकिन... Hindi · कविता 268 Share Awneesh kumar 21 Mar 2017 · 1 min read बात कहा पहुची, बताओ तो जरा..... बात कहा पहुची, बताओ तो ज़रा। कुछ अपनी सखी से कही, पुछो तो जरा। हम इशारा भी किये , तो सक होगा। मेरे दोस्त, तुम ही पता लगाओ तो जरा।।... Hindi · कविता 391 Share Awneesh kumar 20 Mar 2017 · 1 min read जब दिल लगाना ही नहीं था तुमको बाते ही ना करते जब दिल लगाना ही नहीं था तुमको, बाते ही ना करते। बातो से रिझाना ही नहीं था तुमको, तुम सन्देश ही ना करते। यादे समेट निकलते तुम्हारी यादो के, इउ... Hindi · कविता 1 546 Share Awneesh kumar 20 Mar 2017 · 1 min read कल जो बीती रात एक नया ख्वाब पल गया .... कल जो बीती रात एक नया ख्वाब पल गया, मन का एक हिस्सा किसी के नाम हो गया। इजहार होठो से न हुआ लेकिन, आँखों से आँखे मिली और अपना... Hindi · कविता 534 Share Awneesh kumar 20 Mar 2017 · 1 min read हम सभी के लिए नहीं, सपने सजाते है .... हम सभी के लिए नहीं , सपने सजाते है । हम सभी को नहीं , दिल में बसाते है ,। तुम्हारे जैसा , मन नहीं है मेरा। मोहब्बत जादा ,... Hindi · कविता 201 Share Awneesh kumar 12 Mar 2017 · 1 min read नया नया है साथ हमारा , नयी नयी ये होली है..... नया नया है साथ हमारा , नयी नयी ये होली है। कितना प्यारा रिस्ता अपना , कितनी मीठी बोली है। खुद से अलग हुये है खुद ही , कितनी अजब... Hindi · कविता 278 Share Awneesh kumar 10 Mar 2017 · 1 min read परेशान तन है ........ परेशान तन है बेचैन मन है उलझन में जान है बहुत परेशान है पत्तो सा टूट रहा हु किसी बंधन सा छूट रहा हु तिल-तिल मर रहा हु घुट-घुट कर... Hindi · कविता 704 Share Awneesh kumar 10 Mar 2017 · 1 min read हालात से समझवता कर बैठा हूँ ....... हालात से समझवता भी करना पड़ता है जज्बात से किनारा भी करना पड़ता है ये सब जीवन के उतार चढ़ाव है खुद को भी खुदा के सहारे करना पड़ता है... Hindi · कविता 240 Share Awneesh kumar 10 Mar 2017 · 1 min read बहका बहका समां है....... बहका बहका ये समां है बहकी बहकी बात तेरी न लो अपने आगोश में तुम याद मुझको बात तेरी राजे वफ़ा दिल में छुपाये हो जानते है अब ना बहकाओ... Hindi · कविता 1 277 Share Awneesh kumar 8 Mar 2017 · 1 min read सफर से अब मैं ऊब गया हूं..... सफर से अब मैं ऊब गया हूं तेरे घर के रस्ते से मैं ख़ूब गया हूं कैसे बताऊ हाल दिल का कैसा किया है तुम्हारी यादो में अब तो मैं... Hindi · कविता 232 Share Awneesh kumar 8 Mar 2017 · 1 min read सब का अपना ताना बाना है सब का अपना ताना बाना है, सब का अपना ठउर ठिकाना है, सब के अपने साथी अपना मजमा है, सब का अपना ख़ाब अपना सपना है। (अवनीश कुमार) अच्छे बुरे... Hindi · कविता 737 Share Previous Page 2