ashwini pathak 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ashwini pathak 31 Dec 2016 · 1 min read कविता शब्द-लेखनी पग-पग चलकर धीरे-धीरे निखर संवर कर चिंतन मन से तल पर उतरो जन मानस के भीतर बिखरो देखें वह जो धरे बोझ सर लगा रहा झाड़ू जो पथ पर... Hindi · कविता 1 597 Share ashwini pathak 30 Dec 2016 · 1 min read " लो फिर आ पहुँचा नववर्ष" लो फिर आ पहुँचा नववर्ष होने लगी बीते साल के लेखे-जोखे की जाँच प्राप्त-अप्राप्त पर विमर्ष हर वर्ष की भाँति फिर होगा निर्धारण लक्ष्यों का,संकल्पों का फिर किए जाएँगे एक... Hindi · कविता 1 1 247 Share