अशोक सोनी Tag: कविता 58 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 अशोक सोनी 14 Oct 2017 · 1 min read राजनीति में संत हो गए ईश्वर,अल्लाह,ईसा,नानक एक ही हैंं जब सारे तो जन-मन को ठगने की खातिर कितने सारे पंथ हो गए । लोभी लम्पट भोगी सारे भेष बदल सब हो गए न्यारे अमिट आस्था... Hindi · कविता 387 Share अशोक सोनी 1 Oct 2017 · 1 min read एक निर्भीक सच एक सच अपने पैने नाखून के साथ झूठ की ओर बढ़ता हुआ और उससे बचने के लिए समवेत होता झूठ डैने फड़फड़ाता कभी घेरता कभी भागने को आतुर किन्तु कदम-दर-कदम... Hindi · कविता 1 587 Share अशोक सोनी 30 Sep 2017 · 1 min read खाली जेबें भर रहे हैं नित नए सम्मान लेकर नित नए उन्वान लेकर और हम क्या कर रहे हैं खाली जेबें भर रहे हैं । तुम भी ज़रा उत्पात कर लो मन से मन की... Hindi · कविता 283 Share अशोक सोनी 26 Sep 2017 · 1 min read मन-मीत मधुऋतु का आनंद भी देखा , देखी पतझर की भी रीत । सावन में झूले की पींगे , और गोरी का सावन गीत । जीवन के इस विकल चक्र में... Hindi · कविता 303 Share अशोक सोनी 25 Sep 2017 · 1 min read गाँव का खत एक गाँव ने खत लिखा किसी शहर के नाम भाई तुम इतने चर्चित, मैं इतना गुमनाम । पले बढ़े हम एक फिज़ा में देश की हम संतान नहीं पूछ हमारी... Hindi · कविता 348 Share अशोक सोनी 22 Sep 2017 · 1 min read गिरगिट एक गिरगिट अचानक रूप बदलने लगा नये-नये रंग में पल-पल ढलने लगा । उसको यों करता देख एक गिरगिट दूसरे से बोला यार !यह अकारण क्यों बदल रहा है चोला... Hindi · कविता 429 Share अशोक सोनी 20 Sep 2017 · 1 min read यादें वहाँ कौन है तेरा ,तुझको कोई बुलाए क्यूँ । खुद के सताए हैं अगर ,तुझको कोई सताए क्यूँ ।। सारे ज़माने का दर्द उठाने की ताब है । अपने जिगर... Hindi · कविता 512 Share अशोक सोनी 20 Sep 2017 · 1 min read धूप की नदी तुम्हारे और मेरे घर के बीच दोपहर को आज भी बहती है पतली-सी धूप की नदी । किन्तु अब बदल गए हैं, प्रतिबद्धताओं के सारे समीकरण । अब तुम नहीं... Hindi · कविता 546 Share Previous Page 2