Ashok Singh Satyaveer (अशोक सिंह सत्यवीर) Tag: कविता 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ashok Singh Satyaveer (अशोक सिंह सत्यवीर) 20 Jan 2020 · 1 min read मन की कौन थकान हरे? मन की कौन थकान हरे? मन की कौन थकान हरे? अपनी ही सुधि नहीं किसी को, नभ में कहाँ उड़ान भरे? मन की कौन थकान हरे?।।१।। नित-प्रति की आपाधापी में,... Hindi · कविता 2 1 815 Share Ashok Singh Satyaveer (अशोक सिंह सत्यवीर) 11 May 2018 · 1 min read "नशा" आकुल होकर कलम ने मेरे सब छंद विच्छिन्न कर दिए, और उद्गार निकले इस तरह, ""नशा"" नशे पर क्या कहें, है नाश का यह द्वार कहलाता, मगर देख़ो, बड़ा सच... Hindi · कविता 1 700 Share Ashok Singh Satyaveer (अशोक सिंह सत्यवीर) 9 May 2018 · 1 min read नशे की लत उसकी इक प्रसन्न दुनिया थी; मुस्काता था बाप, और, मुस्काती थी माँ; पत्नी थी संतुष्ट, प्रेम से; बच्चे भी आह्लादित रहते। नज़र लग गयी किंतु एक दिन, इस कुनबे को।... Hindi · कविता 1 465 Share Ashok Singh Satyaveer (अशोक सिंह सत्यवीर) 9 May 2018 · 1 min read नयी सुबह में साहस पायें पावन तृषा उठी जब मन में, शुभाशीष की ध्वनियाँ आयें। मनोदोष की होम-प्रविधि का, वर्णन करतीं दिव्य ऋचाऐं॥1॥ वीरप्रसू है यह वसुंधरा, रुधिर गर्व से भरा हुआ। गरिमा के शुभ... Hindi · कविता 1 399 Share