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मिलता नहीं मेरी इन रचनाओं का कोई खरीददार
Ashok sapra
जुनून मुझमें देशभक्ति का
Ashok sapra
हमारा देश और हम ही काफ़िर कहलाये
Ashok sapra
चलो आज थोड़ी तुम भी पियो
Ashok sapra
चांद छत से आकर रख गया ख़त
Ashok sapra
नई मुर्गी हलाल है
Ashok sapra
माँ बहुत याद आओगी तुम
Ashok sapra
मम्मी डैडी के चरणों में चारों धाम
Ashok sapra
आओ हिन्द वासियों तुमकों चूड़ियां उपहार दे दूँ
Ashok sapra
कहतें है हम थानेदार
Ashok sapra
लगा दो आग गीता और कुरआन में
Ashok sapra
बाप है तेरा ये देश मेरा हिंदुस्तान
Ashok sapra
आओ मिलकर अपनी संस्कृति बचाये
Ashok sapra
हॉर्न धीरे से बजा रे पगले देश मेरा सोता है
Ashok sapra
मेरी गीत गजलों में मेरी शकन देखिये
Ashok sapra
व्यंगात्मक कविता आइये कद्रदान
Ashok sapra
गजल वो शहर में आकर के
Ashok sapra
कत्ल का सामान बनकर
Ashok sapra
गजल राहें इश्क में आये है
Ashok sapra
गजल सरहदें क्यों पहचानता नहीं तू
Ashok sapra
गजल जिंदगी ख़ाक में मेरी
Ashok sapra
गजल आया हूँ शहर में लेके कुछ किस्से नये पुराने
Ashok sapra
एक गीत शीर्षक वही तू है
Ashok sapra
एक गीत शीर्षक वही तू है
Ashok sapra
गजल तुमको देखा हमको कितने जमाने हो गए
Ashok sapra
कविता शीर्षक मेरी ऊँगली पकड़कर बेटा मुझे चलाने वाला
Ashok sapra
कविता शीर्षक बेटी तू तो है गंगाजल
Ashok sapra
कविता शीर्षक बीज डाले बेटो के पर बेटी तू उग आये
Ashok sapra