अरविन्द राजपूत 'कल्प' 257 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अरविन्द राजपूत 'कल्प' 3 Oct 2023 · 1 min read ग़ज़ल -ख़बर से ही भरोसा जा रहा है हलाहल यूं परोसा जा रहा है ख़बर से ही भरोसा जा रहा है रटायें आप जो रटता रहे वो वही तोता तो पोसा जा रहा है किया कुछ भी नहीं... 2 388 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 3 Oct 2023 · 1 min read हुस्नों ज़माल पर ये मचलता नहीं है क्यों हुस्नों ज़माल पर ये मचलता नहीं है क्यों पत्थर है दिल या मोम पिघलता नहीं है क्यों आईने कितने रोज़ बदलता रहा हूं मैं पर 'अक्स तो वही है बदलता... 1 309 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 3 Oct 2023 · 1 min read ग़ज़ल -टूटा है दिल का आइना हुस्नो ज़माल में शबनम चमक रही थी जो पलक-ए- रिसाल में मोती दमक रहे वही मेरे रुमाल में पत्थर में दम कहां थी जो शीशे को तोड़ता टूटा है दिल का आइना हुस्नो... 1 274 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 3 Oct 2023 · 1 min read ग़ज़ल-हलाहल से भरे हैं ज़ाम मेरे हलाहल से भरे हैं ज़ाम मेरे करो अमृत इन्हें घनश्याम मेरे बिछाये नज़रें हम राहों में बैठे कभी तो आएंगे श्रीराम मेरे हुए कपड़े सभी नीलाम मेरे लिखी ऐसी वसीयत... 340 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 3 Oct 2023 · 1 min read भजन - माॅं नर्मदा का पावन तटों पे माॅं तेरे संतों का वास है कलयुग में मैय्या तुझसे भक्तों को आस है मैय्या है विंध्यवासी खाड़ी में जा समाती देवों के रूप सारे जल में... 499 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 21 Feb 2022 · 1 min read ग़ज़ल- मशालें हाथ में लेकर ॲंधेरा ढूॅंढने निकले... मशालें हाथ में लेकर ॲंधेरा ढूॅंढने निकले। हुआ अवसान दिनकर का सवेरा ढूॅंढने निकले।। घरौंदे को जो ठुकरा कर उड़े थे आसमानों में। परिंदे सांझ होते ही बसेरा ढूॅंढने निकले।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 580 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Feb 2022 · 1 min read ग़ज़ल- हो गया सो हो गया हम क्या करें... हो गया सो हो गया हम क्या करें। खो गया तो खो गया हम क्या करें।।। रात भर जागा तो दिन में सो गया। सो गया तो सो गया हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 712 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 19 Feb 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- रोशनी देता है सूरज को शरारा करके... रोशनी देता है सूरज को शरारा करके छीन भी लेता है बस एक इशारा करके दूर मत भाग कभी रब से किनारा करके चमका देगा तुझे इक़ रोज सितारा करके... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 651 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 11 Feb 2022 · 1 min read ग़ज़ल- हूॅं अगर मैं रूह तो पैकर तुम्हीं हो... मैं ज़मीं प्यासी मेरे अंबर तुम्हीं हो हूॅं अगर मैं रूह तो पैकर तुम्हीं हो प्यार की इक़ बूंद तुम सागर तुम्हीं हो दिल के अंदर भी तुम्ही बाहर तुम्हीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 605 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 10 Feb 2022 · 1 min read ग़ज़ल- क्यों देखते ही देखते मंज़र बदल गए... क्यों देखते ही देखते मंज़र बदल गए। क़ुदरत न बदली आपके तेवर बदल गए।। सबका मक़ाम एक है क्यों घर बदल गए। बदले न रूह ऐ कभी पैकर बदल गए।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 505 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Feb 2022 · 1 min read ग़ज़ल- जिसने मुझे सिखाया, उस्ताद है पुराना... भूला नहीं हूॅं कुछ भी, सब याद है पुराना। जिसने मुझे सिखाया, उस्ताद है पुराना।। पिंजरा बदल बदल कर, चिड़िया फुदक रही है। नादां समझ न पायी, सय्याद है पुराना।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 525 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 4 Feb 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- जिंदा रखना है मुझे तो ज़िन्दगी तक ले चलो... जिंदा रखना है मुझे तो ज़िन्दगी तक ले चलो। मर न जाऊं जब तलक मैं उस खुशी तक ले चलो।। नींद गहरी मिल सके ग़र तीरगी तक ले चलो। ज़िन्दगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 682 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 3 Feb 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- नज़र नज़र से छुपा कर नज़र मिला लेना... कभी तू ख़्वाब में आकर नज़र मिला लेना। नज़र नज़र से छुपा कर नज़र मिला लेना।। नज़र सभी से चुरा कर नज़र मिला लेना। ऐ चश्म-ए-नाज़ उठा कर नज़र मिला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 447 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 28 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल- सूरज समान दूजा सितारा नहीं हुआ.... सूरज समान दूजा सितारा नहीं हुआ। अपने ही जैसा कल्प दोबारा नहीं हुआ।। आया था अकेला तू अकेला ही जा रहा। ख़ुद के सिवाय कोई सहारा नहीं हुआ।। इक़ वार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 559 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 28 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल- आज पछता रहा हूॅं तुझको सितारा करके... आज पछता रहा हूॅं तुझको सितारा करके। अब बसर होता नहीं साथ गुज़ारा करके।। जीत लेना मुझे बस एक इशारा करके। छोड़ती रंगे धनक आंख हजारा करके।। आग बुझ जाएगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 432 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 28 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल:-खोजने निकला मैं किस्मत का सितारा रात में... खोजने निकला मैं किस्मत का सितारा रात में। दिन के हिस्से में गया सूरज तभी ख़ैरात में।। तप रहा उसका बदन जैसे शरारा आग का। हो सितारों से अलग आ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 527 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 24 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- मियां बस आपकी ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी... मियां बस आपकी ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी। सज़ी महफ़िल यहां आख़िर ग़ज़ल कहना पड़ेगी। ज़मा साहित्य के साहिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी।। हसीं महफ़िल बड़े शाइर ग़ज़ल कहना पड़ेगी।। नज़र पैनी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 673 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 24 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- तेरे सम्मान की ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी अब... तेरे सम्मान की ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी अब। मेरे ईमान की ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी अब।। किये ऐलान की ख़ातिर मिले अनुदान की ख़ातिर। हुए नुक़सान की ख़ातिर ग़ज़ल कहना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 385 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 23 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- ऑंखों में क़ैद रहना सुनहरा लगा मुझे... ऑंखों में क़ैद रहना सुनहरा लगा मुझे मंज़र हसीन दिल का वो पहरा लगा मुझे क़ातिल निगाह उसकी मेरा क़त्ल कर गई मासूम फिर भी यार का चेहरा लगा मुझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 429 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 22 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- नज़रिये देखने के गर बदल गये होते... नज़रिये देखने के गर बदल गये होते। दिलों की बात क्या पत्थर पिघल गये होते।। ज़रा सा तुम भी जो पीछे पिछल गये होते। लगा के सीने से हम भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 369 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- हमारे इश्क़ के शैदाइयों में तुम ही थे... हमारे इश्क़ के शैदाइयों में तुम ही थे। हमारे दिल की हसीं वादियों में तुम ही थे।। हमारे हुस्न की रानाईयों में तुम ही थे। हमारी आंख की बीनाईयों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 437 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- हमारे हुस्न पे ऐसे मचल गये साजन... हमारे हुस्न पे ऐसे मचल गये साजन। हमारी जान ही ले कर निकल गए साजन।। हमारी हड्डियों का चूरमा बना डाला। समझके हमको तो गद्दा उछल गये साजन।। समझ के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 606 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 11 Jan 2022 · 1 min read @ग़ज़ल:- .. मत दिखाओ आंखें अपनी असलियत तो पूछ लो। जाओ बेटा घर में अपनी हेसियत तो पूछ लो।। जिनके दम पर हो फुदकते ले रहे किलकारियां। अपने आकाओं से उनकी खैरियत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 381 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 9 Jan 2022 · 1 min read ग़ज़ल:- शक़ नियत पर अब ज़रा होने लगा... शक़ नियत पर अब ज़रा होने लगा। सोना बन पीतल खरा होने लगा।। मुफ़लिसी में छोड़ देते थे कभी। अब निमंत्रण भी झरा होने लगा।। कैसे जिंदा हम रहेंगे ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 547 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 19 Nov 2021 · 1 min read आध्यात्म गीत-व्यापक हूं आकाश समाना... अमृत रूपी ज्ञान हूं, आत्म जनित सुप्रकाश। व्यापक हूं सर्वत्र मैं, समरस ज्यों आकाश।।१।। हूं मैं अजन्मा कारण हीना। मैं निर्धूमा मैं मलहीना।। बिन दीपक प्रकाश है मेरा। यत्र तत्र... Hindi · गीत 1 576 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 19 Nov 2021 · 2 min read कल्प अध्यात्म: जीवन मुक्त गीता.... जीवन मुक्त गीता श्री, दत्तात्रेय उचार।। करहिं सरल रुपांतरण, कल्प मंदमति धार।। वेदांत सार सद्गुरु कहें, सहज सुबोध स्वरूप। ब्रह्म जीव एकत्व है, सम्यक रूप अनूप।। देह बुद्धि आसक्तिन भारी।... Hindi · गीत 1k Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 18 Nov 2021 · 4 min read गीत:- गोविंद भजो..... गोविंद भजो, गोविंद भजो, गोविंद भजो, हे मूढ़ मते। गोविंद जपो, गोविंद रटो, गोविंद से प्रेम करो पगले।। जब मौत हमारी आयेगी, रह जायेंगे सब नियम धरे। गोविंद भजो, गोविंद... Hindi · गीत 785 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 13 Oct 2021 · 1 min read दोहे:- मानसिक कुंभ स्नान फल गंगा जमुना सरस्वती, रेवा क्षिप्रा स्नान। कावेरी गोदावरी, सप्त सरित धर ध्यान।।१।। हरि प्रयाग नासिक सहित, उज्जैनी कुंभ भराय। मन ईश धरे स्नान कर,शाही कुंभ फल पाय,।।२।। पावन पुण्य पवित्र... Hindi · दोहा 648 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 5 Oct 2021 · 1 min read ग़ज़ल- भुला दूं कैसे... भुला दूं कैसे भला प्यारी झप्पियां उसकी। सदाएं बनके खनकती है चूड़ियां उसकी।। गिनाऊं कैसे जमाने को खूबियां उसकी। हैं याद आती बहुत ही वो मस्तियाँ उसकी।। सुकूं मिला था... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 560 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 23 Aug 2021 · 1 min read गीत:- माॅं..… जब भी तेरा मुझे स्मरण हो गया आंसुओं से तभी आचमन हो गया दर ब-दर खोजता हूॅं इधर और उधर क्यों न मिलती मुझे छुप गई तू किधर पागलों सा... Hindi · गीत 1 623 Share Page 1 Next