अरविन्द राजपूत 'कल्प' Tag: मुक्तक 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अरविन्द राजपूत 'कल्प' 9 Sep 2017 · 1 min read शैर छूकर लवों को यूँ मदहोश कर दिया। छाया खुमार ऐसा हम न हम रहे।।।। काश हमारे गीतों को, गर शब्द आपके मिल जाएं । महक उठेगा जीवन उपवन,सुर-साज आपके मिल... Hindi · मुक्तक 722 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 12 Aug 2021 · 1 min read मित्र हर व्यक्ति के जीवन में एक ऐसा मित्र रहा होगा। कर्णवीर सम देहदान का भाव पवित्र रहा होगा।। जिसका मन निर्मल पावन और शील चरित्र रहा होगा। दिल में उसके... Hindi · मुक्तक 2 484 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 22 Jun 2018 · 1 min read मुक्तक - हूर-ए-ज़न्नत भी तेरे नूर पे बेनूर हो जाए हूर-ए-ज़न्नत भी तेरे नूर पे बेनूर हो जाए। रब भी तरास कर तुझे देखते मग़रूर हो जाए।। कारीगिरी से रब ने ऐ खूबसूरत रूप बख्शा है। आइना देखते ही तुमको... Hindi · मुक्तक 302 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 28 Jan 2019 · 1 min read मुक्तक फ़लक के चांद तारे सब, जमीं से प्यार करते हैं। घुमड़ते मेघ बारिश कर, दिली इज़हार करते हैं।। कड़कती धूप सूरज दे, सुनेहरा कर लुभाता है। रजत शबनम लुटा करके,... Hindi · मुक्तक 217 Share