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ख़ुद से दिन रात क्यूँ लड़े कोई।
अकेला इलाहाबादी
बात गर सच है तो ताईद का मतलब क्या है।
अकेला इलाहाबादी
ग़ज़ल- क़त्ल करने आज क़ातिल फिर शहर में आ गया।
अकेला इलाहाबादी