Ajay Kher 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ajay Kher 3 Feb 2017 · 1 min read ज़िन्दगी कभी-कभी अजनबी सी लगती है... अपनी होकर भी, ना जाने क्यूँ.... किसी और की लगती है.... ये ज़िन्दगी कभी कभी…. हाँ.....कभी-कभी अजनबी सी लगती है..... धड़कता तो है दिल अपने ही सीने में, मगर, धड़कन... Hindi · कविता 554 Share Ajay Kher 3 Feb 2017 · 1 min read दहेज़ की अग्नि में स्वाह.... हीना का रंग अभी तक हाथो पर जवां था.... माथे पर बिखरा सिन्दूर हर लम्हे का गवाह था.... सिलवटे बिस्तर पर अभी भी ले रही थी करवटे... कमरे की खामोशियाँ... Hindi · कविता 463 Share