Surya Karan Tag: ग़ज़ल/गीतिका 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Surya Karan 14 Jul 2017 · 1 min read बड़ी नफ़रतें है दिलों में आजकल !! बड़ी नफ़रतें है दिलों में आजकल !! मग़र दिलचस्प वाकया कुछ और ही है । जो असल परेशानी का सबब है ; उसे कोई नहीं जानता ? हैरत में हूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 249 Share Surya Karan 8 Jul 2017 · 1 min read क़हर क़हर जब बरपा ग़मों का , लड़खड़ा गया मुद्दत से ख़ुदा ने मुझे ; तुमसे मिला दिया रंज क्या है जो अग़र ,मिला ना तेरा संग तस्वीर को मैंने तेरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 563 Share Surya Karan 12 Jul 2017 · 1 min read अँधेरा ही पायेगा अमरनाथ यात्रा पर 10-7-2017 को हुवे आतंकी हमले पर जेहादियों को झकझोंरने वाली रचना । ********************************* अपने कर्मों से मुँह ना फेर पायेगा ख़ुदा गवाह है, जहन्नुम में जायेगा आज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 316 Share Surya Karan 13 Jul 2017 · 1 min read "पाने की तलब है" पाने की तलब है, न मुकद्दर में यकीं है मेरे कदम वहीं है ,जहाँ मेरी जमीं है। आँखों मे तिरे आज भी हया की नमीं है लगता है मुझे मेरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 522 Share Surya Karan 13 Jul 2017 · 1 min read #नज़राना बेमतलब की ये ; सारी दुनियादारी है । तेरे एहसान मुझपे , जिन्दगी से भारी है । जिन्दगी की शामें तेरे आँचल में गुज़ारी है नश्तर चुभोना उसमें ; क़यामत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 415 Share Surya Karan 18 Jul 2017 · 1 min read ?मेरा सफ़र कुछ मैं कहूँ कुछ तुम सुनो ..... गुज़री जिनके ख़िदमत में उमर पीकर लफ़्ज़ों का कड़वा ज़हर गर्दिश में गुजरा बीता सफ़र आँसू पीकर रातों जागकर वो आये अब मेरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 235 Share Surya Karan 7 Aug 2017 · 1 min read जिनके लिए हमने फसादात छोड़े थे?? जिनके लिए हमने फसादात छोड़े थे चेहरे पर वो कई नक़ाब ओढ़े थे उल्फ़त में हमने कई अरमान जोड़ें थे उल्टे गिरे जमीं पे समझदार थोड़े थे उलझा के इश्क़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 254 Share Surya Karan 7 Aug 2017 · 1 min read ?फासला फासला दरम्यां बस इतना सा रह गया वो टूटकर गिरा में पेड़ पर ही रह गया माँ-बाप ने जो प्यार से सौंपी थी जागीरे आधा तेरे, आधा मेरे हिस्से में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 225 Share Surya Karan 12 Feb 2019 · 1 min read मुक़द्दर :- ग़ज़ल गुज़ार दी हमने उमर तन्हा इश्क़ उधर तो मैं इधर तन्हा मुक्कदर में वो हमसफर न था रात में रह गये अधर तन्हा तुमसे जिन्दगी खुशगवार थी तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 255 Share