ATUL PUNDHIR Tag: कविता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ATUL PUNDHIR 29 May 2017 · 1 min read मतगयंद सवैया दीप वही तम जो हरता जुगनू जलता न जला तम पाये प्यास हरे हर बूँद सुधा बसुधा हर पीर पिये मुसकाये नीरज कीचड़ अंग लगे अपनी पर कोमलता न भुलाये... Hindi · कविता 1 879 Share ATUL PUNDHIR 16 May 2017 · 1 min read मुक्तक ये दिल निकाल कर कहीं रख दो दराज में हो गये हैं लोग अब पत्थर समाज में मार कर दिल के जमीरों को खुदा मिलता नहीं बेवजह ही सर झुकाये... Hindi · कविता 429 Share