AMARESH MISHRA 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid AMARESH MISHRA 29 Nov 2016 · 1 min read सब सपना रहा सब कुछ सपना रहा ,न इस दुनिया मे कोई अपना रहा, जा रहा हूँ छोड़कर सबकुछ सपना रहा। जो कुछ अच्छा लगा, हमने वही किया। किसी अपने के कथन ने,... Hindi · कविता 269 Share