डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम Tag: माया काया दर्प 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 15 Jun 2025 · 1 min read माया काया दर्प से माया काया दर्प में,बिगड़ी मानव चाल। करे अनैतिक कर्म अति,रख माया की ढाल। रख माया की ढाल,गलत पथ बढ़ता जाता। बने प्रकृति का शत्रु,नहीं बिल्कुल घबराता। सोचे मन में ओम,जगत... Hindi · ओम की रचनाएँ · कुण्डलिया · माया काया दर्प 2 1 74 Share