Sarla Sarla Singh "Snigdha " 63 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Sarla Sarla Singh "Snigdha " 14 May 2024 · 1 min read धरती धरती नदियां कलकल करके बहतीं होता नित अमिय प्रवाहित। प्राणवायु ले पवन डोलता जीवन यह तभी प्रसारित। सागर तपता रात दिवस है सघन मेघ अम्बर पाता । राह देखता जग... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 130 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 14 May 2024 · 1 min read गांव प्यारा गाँव प्यारा (गीतिका) भूलता ही नहीं गाँव प्यारा। और सुंदर नदी का किनारा।। याद आती सदा भोर सन्ध्या। वो मधुर प्रात का भानु न्यारा।। वो सुनहरे सजे खेत सारे ।... Poetry Writing Challenge-3 · हिन्दी कविता 1 114 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 13 May 2024 · 1 min read मेरी अम्मा मेरी अम्मा कभी नहीं जताती कुछ थी, मेरा दुःख सह जाती अम्मा। हमें खिलाती बड़े प्यार से , खुद भूखे सो जाती अम्मा। एक एक पाई रही जोड़ती, मुझ पर... Poetry Writing Challenge-3 · हिन्दी कविता 1 146 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 13 May 2024 · 1 min read राम जलाओ री सखी मंगल दीप! जलाओ री सखी मंगलदीप, आज घर आये हैं राजा राम। राह बुहारो ये महल सजाओ , आयो शुभ घड़ी ये वर्षों बाद। फूलों का वन्दनवार... Poetry Writing Challenge-3 · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) 1 101 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 13 May 2024 · 1 min read अब कष्ट हरो अब कष्ट हरो संकट मोचन कष्ट हरो अब, दुनिया देखो यह बिलख रही। हे पवन पुत्र मत देर करो अब, दुनिया सारी पथ है देख रही। बड़े बड़े राक्षस को... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 116 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 13 May 2024 · 1 min read प्रकृति प्रकृति मोर करे है नृत्य मनोहर प्रीत दिखावे किसे घनी। कोयल गाये मधुरिम वाणी मीठे से रस गीत सनी। हरियाली है चहुँ दिशि छायी मन उपवन में हर्ष खिला। बगियन... Poetry Writing Challenge-3 · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) 1 186 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 12 May 2024 · 1 min read मेरी अम्मा मेरी अम्मा कभी नहीं जताती कुछ थी, मेरा दुःख सह जाती अम्मा। हमें खिलाती बड़े प्यार से , खुद भूखे सो जाती अम्मा। एक एक पाई रही जोड़ती, मुझ पर... Hindi · हिन्दी कविता 128 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 5 Feb 2023 · 1 min read मिलन दमक रही माथे की बिंदिया चमके चन्दा ज्यों लगे गगन। करके सोलह श्रृंगार कामिनी मन ही मन में हो रही मगन। धरती सी वह सहनशक्ति ले जीवन में खुशियां है... Hindi 292 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 3 Jul 2021 · 11 min read सोनू उर्फ सोना सोनू उर्फ सोना रामू के पिता कानपुर के एक छोटे से गाँव में रहते थे।एक डेढ़ बीघा खेती के सहारे पूरा परिवार पल रहा था। परिवार में माँ-बाप पत्नी व... Hindi · कहानी 1 770 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 2 Feb 2017 · 1 min read सहारा सहारा बनो तो सहारा तुम उनका बनो , जिनका कोई जहां में होता नहीं। मजारों पे चादर चढ़ते हर दिन , गरीबों को चादर दिलाया करो। दान का दौलत दौलतवाले... Hindi · कविता 1 1 372 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 2 Feb 2017 · 1 min read चरित्रहीन चरित्रहीन --------------- सफेदपोश चरित्रहीनो से , दुनिया पटी पड़ी है भाई। दौलत- चादर से ढककर, कहलाते सबसे महान हैं। गरीब की इज्जत खरीदते, चरित्रवान फिरभी कहलाते। ऐसे चरित्रहीन प्राणी से... Hindi · कविता 3 1 503 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 31 Jan 2017 · 3 min read उलझन (कहानी ) "उलझन" .............. शाम का समय ,आकाश में बादल छाये हुए थे, हवा तेज चल रही थी और मौसम भी जाड़े का ।लोग रजाई में दुबके पड़े गर्मचाय का आनन्द ले... Hindi · कहानी 1 1 394 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 31 Jan 2017 · 1 min read बेटी बेटी ...... बेटी माँ के कलेजे का टुकड़ा बार बार ये सुनती रहती हूँ मैं उसी कलेजे के टुकड़े को तू मैया काहे को मिटा देती है । मैं भी... Hindi · कविता 1 1 770 Share Previous Page 2