Sarla Sarla Singh "Snigdha " 32 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sarla Sarla Singh "Snigdha " 26 May 2024 · 1 min read गांव प्यारा भूलता ही नहीं गाँव प्यारा। और सुंदर नदी का किनारा।। याद आती सदा भोर सन्ध्या। वो मधुर प्रात का भानु न्यारा।। वो सुनहरे सजे खेत सारे । भोर में चमकता... Poetry Writing Challenge-3 27 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 26 May 2024 · 1 min read देश अभी एक युग नव जगेगा । तभी भेद मन का मिटेगा ।। रहें लोग मिलकर सभी अब। यही भाव दिल से उठेगा ।। यही भाव दिल में उठे की ।... Poetry Writing Challenge-3 21 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 26 May 2024 · 1 min read मानवता हमें आपस में मिलकर रहना है। नहीं बेकार में ही हमें दहना है। जिंदगी चार दिन मिली हमको इसको यूँ बेकार नहीं करना है। हम सभी एक हैं बस इसे... Poetry Writing Challenge-3 21 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 26 May 2024 · 1 min read हार नहीं जाना चल भूल चलें सारी जो बात सताती है। अब बात करे वह जो उल्लास जगाती है।। मन हार नहीं जाना यह भाव रहे मन में । जब जीत मिले उसको... Poetry Writing Challenge-3 25 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 26 May 2024 · 1 min read भाग्य कभी तो भाग्य अपना भी जगेगा। तभी सत्कर्म भी सारा फलेगा ।। किया हमने कभी उपकार जिन पर । वही फिर याद सब बनकर जगेगा ।। नहीं समझा कहा अपना... Poetry Writing Challenge-3 18 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 26 May 2024 · 1 min read चाहत जिसे प्रेम माना मिले चाहती है। नहीं अब विकलता चले चाहती है।। कहे अब नहीं हो कहीं भी अँधेरा । मिले अब उजाला गले चाहती है ।। सभी मन बहे... Poetry Writing Challenge-3 20 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 26 May 2024 · 1 min read गीत गीत को एक नित सजाती है। ताल को ताल से मिलाती है।। देख ले आज सुर सधे सब हैं। बात यह मीत को सुनाती है।। याद वो आज देख कल... Poetry Writing Challenge-3 21 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 26 May 2024 · 1 min read मां शारदे! 1-माँ शारदे जोड़कर कर करें सभी पूजन शारदे माँ करे कृपा जग पर।। ज्ञान दो मात शारदे हमको माथ यह मात देख तव पग पर।। ज्ञान का दीप मात तुम... Poetry Writing Challenge-3 19 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 22 May 2024 · 1 min read पिता छाया है पिता बरगद की घनी छाया है पिता छाँव में उसके भूलता हर दर्द। पिता करता नहीं दिखावा कोई आँसू छिपाता अन्तर में अपने। तोड़ता पत्थर दोपहर में भी... Poetry Writing Challenge-3 17 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 22 May 2024 · 2 min read कुछ दोहे मनके 16- कुछ दोहे मनके इष्ट देव में जो किसी, रखते हैं अनुराग। भक्तिमार्ग कहते इसे, जग से रखे विराग।।1।। सुनते हैं नित इष्ट के,सारे सुन्दर काम। श्रवण भक्ति इसको... Poetry Writing Challenge-3 2 19 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 22 May 2024 · 1 min read भुखमरी भुखमरी देश है बेहाल आज, छोड़े सारे कामकाज। भुखमरी छायी हुई, वो भये बेहाल है। रोग ये कोरोना आया, नहीं यह हमें भाया। जग का ये नाश करे ऐसा बुरा... Poetry Writing Challenge-3 15 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 22 May 2024 · 3 min read कुछ कुंडलियां कुछ कुंडलियां *01-नैतिक* नैतिक कहलाये वही ,करना ऐसा काम। लोगों का करना भला,करो देश का नाम। करो देश का नाम ,मान जग में पाओगे। परचम ऊंचा सदा,देश का फहराओगे। कहती... Poetry Writing Challenge-3 14 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 22 May 2024 · 1 min read नारी नारी हर युग को झेला है जिसने हार नहीं पर मानी वह नारी। स्वाभिमान को गया दबाया सिर नहीं झुका वह है नारी। जीवन के दो पहलू कहलाते फिर भी... Poetry Writing Challenge-3 22 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 22 May 2024 · 1 min read प्रीत हमारी प्रीत हमारी चातक सम यह प्रीत हमारी उड़ने को आकाश चाहिए। क्षितिज तलक हो यात्रा अपनी होना नहीं हताश चाहिए।। भाग रहे यह दिन द्रुत गति से पकड़ नहीं आते... Poetry Writing Challenge-3 18 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 22 May 2024 · 1 min read नैन (नवगीत) नैन चाहत जागी मन प्रियवर का गाँठ हृदय का खोल रहे ।। वाणी से बानी कब फूटे नैन सभी कुछ बोल रहे।। दर्शन का यह प्यासा मन है नैन विकल... Poetry Writing Challenge-3 18 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 22 May 2024 · 1 min read पथ प्रदर्शक पथ प्रदर्शक ज्ञानी जनों से सुना है जाना है और समझा भी। जरूरत है सभी को यहां दिखाएं हमें अपनी सही और सच्ची राह। देखो जरा पथिक मेरे अचल अडिग... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 17 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 22 May 2024 · 1 min read बन्दगी बन्दगी जिन्दगी है ये कृपा प्रभु की, इसको जरा सम्भालना तू । करना प्रभु की बन्दगी सदा, आज इंसान का तू कर रहा । जीवन मिला मानव का गर, है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 16 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 14 May 2024 · 1 min read मानवता मानवता होता जाता जीवन मुश्किल लोग यहां पर अटे पड़े। बिना बात आपस में भिड़ते युद्ध हेतु वह डटे पड़े। जीवन देने की शक्ति नहीं पर लेना जीवन है आता।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 19 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 14 May 2024 · 1 min read सत्य की जीत सत्य की जीत ( नवगीत शैली) समय हमेशा ही बतलाता बच न सके दुष्ट कलंका। सदा सुपथ पर बढ़ना आगे मन मत करना आशंका। सत्य हमेशा होता विजयी औ असत्य... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 24 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 14 May 2024 · 1 min read धरती धरती नदियां कलकल करके बहतीं होता नित अमिय प्रवाहित। प्राणवायु ले पवन डोलता जीवन यह तभी प्रसारित। सागर तपता रात दिवस है सघन मेघ अम्बर पाता । राह देखता जग... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 18 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 14 May 2024 · 1 min read गांव प्यारा गाँव प्यारा (गीतिका) भूलता ही नहीं गाँव प्यारा। और सुंदर नदी का किनारा।। याद आती सदा भोर सन्ध्या। वो मधुर प्रात का भानु न्यारा।। वो सुनहरे सजे खेत सारे ।... Poetry Writing Challenge-3 · हिन्दी कविता 1 18 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 13 May 2024 · 1 min read मेरी अम्मा मेरी अम्मा कभी नहीं जताती कुछ थी, मेरा दुःख सह जाती अम्मा। हमें खिलाती बड़े प्यार से , खुद भूखे सो जाती अम्मा। एक एक पाई रही जोड़ती, मुझ पर... Poetry Writing Challenge-3 · हिन्दी कविता 1 18 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 13 May 2024 · 1 min read राम जलाओ री सखी मंगल दीप! जलाओ री सखी मंगलदीप, आज घर आये हैं राजा राम। राह बुहारो ये महल सजाओ , आयो शुभ घड़ी ये वर्षों बाद। फूलों का वन्दनवार... Poetry Writing Challenge-3 · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) 1 19 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 13 May 2024 · 1 min read अब कष्ट हरो अब कष्ट हरो संकट मोचन कष्ट हरो अब, दुनिया देखो यह बिलख रही। हे पवन पुत्र मत देर करो अब, दुनिया सारी पथ है देख रही। बड़े बड़े राक्षस को... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 27 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 13 May 2024 · 1 min read प्रकृति प्रकृति मोर करे है नृत्य मनोहर प्रीत दिखावे किसे घनी। कोयल गाये मधुरिम वाणी मीठे से रस गीत सनी। हरियाली है चहुँ दिशि छायी मन उपवन में हर्ष खिला। बगियन... Poetry Writing Challenge-3 · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) 1 24 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 12 May 2024 · 1 min read मेरी अम्मा मेरी अम्मा कभी नहीं जताती कुछ थी, मेरा दुःख सह जाती अम्मा। हमें खिलाती बड़े प्यार से , खुद भूखे सो जाती अम्मा। एक एक पाई रही जोड़ती, मुझ पर... Hindi · हिन्दी कविता 30 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 5 Feb 2023 · 1 min read मिलन दमक रही माथे की बिंदिया चमके चन्दा ज्यों लगे गगन। करके सोलह श्रृंगार कामिनी मन ही मन में हो रही मगन। धरती सी वह सहनशक्ति ले जीवन में खुशियां है... Hindi 199 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 3 Jul 2021 · 11 min read सोनू उर्फ सोना सोनू उर्फ सोना रामू के पिता कानपुर के एक छोटे से गाँव में रहते थे।एक डेढ़ बीघा खेती के सहारे पूरा परिवार पल रहा था। परिवार में माँ-बाप पत्नी व... Hindi · कहानी 1 562 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 2 Feb 2017 · 1 min read सहारा सहारा बनो तो सहारा तुम उनका बनो , जिनका कोई जहां में होता नहीं। मजारों पे चादर चढ़ते हर दिन , गरीबों को चादर दिलाया करो। दान का दौलत दौलतवाले... Hindi · कविता 1 1 293 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 2 Feb 2017 · 1 min read चरित्रहीन चरित्रहीन --------------- सफेदपोश चरित्रहीनो से , दुनिया पटी पड़ी है भाई। दौलत- चादर से ढककर, कहलाते सबसे महान हैं। गरीब की इज्जत खरीदते, चरित्रवान फिरभी कहलाते। ऐसे चरित्रहीन प्राणी से... Hindi · कविता 3 1 397 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 31 Jan 2017 · 3 min read उलझन (कहानी ) "उलझन" .............. शाम का समय ,आकाश में बादल छाये हुए थे, हवा तेज चल रही थी और मौसम भी जाड़े का ।लोग रजाई में दुबके पड़े गर्मचाय का आनन्द ले... Hindi · कहानी 1 1 309 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 31 Jan 2017 · 1 min read बेटी बेटी ...... बेटी माँ के कलेजे का टुकड़ा बार बार ये सुनती रहती हूँ मैं उसी कलेजे के टुकड़े को तू मैया काहे को मिटा देती है । मैं भी... Hindi · कविता 1 1 582 Share