vinay pandey 20 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid vinay pandey 16 Jan 2018 · 1 min read वो आह दे वो आह दे जिस से चाह तो तेरी, _________________ वो दर्द दे जो तुझे मेरा दिवाना बना दे! _________________ जिन मसतों की नज़रो में है समाया मुझको उन नज़रों का... Hindi · लेख 471 Share vinay pandey 11 Jan 2018 · 1 min read मंजिल मंजिल मिलनी तो निश्चित है, शर्त ये है तू बढ़ता जा, कितना भी कोई रोके तुझको, सफलता की सीढ़ी चढ़ता जा, व्यर्थ न हो प्रयत्न कभी , इस बात से... Hindi · लेख 696 Share vinay pandey 10 Jan 2018 · 1 min read रूण्ड हवा मे *रूण्ड हवा में* ~~~~~~~~~ ऐसे योग रहे सच को दरें कुनैते झूठे जुर्म किये बिन ~~~~~~~~~~~ चमडी खींचें पीड़ा भोग रहे । ~~~~~~~~~~~ शीश नहीं कन्धे पर लेकिन ~~~~~~~~~~~ रुण्ड... Hindi · गीत 367 Share vinay pandey 9 Jan 2018 · 1 min read एक मजदूर की पीड़ा *एक मजदूर की पीड़ा* _________________ लाठी भांजे सोना तपा ________________ खरा हो निकला चमका जितना छीले मांजे । _________________ ईधन आग जलाने के हम फिर से झोंके गए भाड़ में... Hindi · गीत 1 1 325 Share vinay pandey 8 Jan 2018 · 1 min read जिन्दा सरोधा *जिन्दा सरोधा* """"""""""""""""""""" मै फरेबी धुन्ध की _______________ वह छोर खोजा हूँ । ________________ जन्म से _______ रहने लगा मै ___________ पाक रोजा हूँ । _____________ झप रही ________ पलकें... Hindi · लेख 298 Share vinay pandey 8 Jan 2018 · 1 min read शब्द पकड़ती लय *शब्द पकडती लय* """"""""""""""""""""""""'"""" असहय पीर के ______________ चक्रवात को ___________ लिखा ________ उम्र भर मैने __________ खुले नहीं _________ अनुभूतियों के _____________ सने खून से डैने _____________ मेरे संवेदन... Hindi · लेख 453 Share vinay pandey 6 Jan 2018 · 1 min read पुरखों के भिनसारे *पुरखो के भिनसारे* लाया रखा अमावस को भी ताकत से उजियारे पर । सबका हींसा एक बराबर पुरखो के भिनसारे पर । बना नही मैं पाया सीमा विस्तारों पर चला... Hindi · लेख 276 Share vinay pandey 16 Mar 2017 · 1 min read हर पल सोना _______हर पल सोना_______________ उलझन दुख आफत का रोना छोडा़ इनसे लाभ न होना ! भरते घाव कुरेद रहा था ! पिन अन्दर तक छेद रहा था ! हल का भी... Hindi · कविता 441 Share vinay pandey 28 Feb 2017 · 1 min read सोचा 'तुझको सोचा तो खो गईं आँखें दिल का आईना हो गईं आँखें.. ख़त का पढ़ना भी हो गया मुश्किल सारा काग़ज़ भिगो गईं आँखें.. कितना गहरा है इश्क़ का दरिया... Hindi · कविता 426 Share vinay pandey 14 Feb 2017 · 1 min read रोता बोल पडा़ वो रोता रोता बोल पडा मेरा भी कब है मोल पडा सुख चैन तुम्हारे लेता हूँ तब पल राहत के देता हूँ जब होती बातें चाहत की तब मिलती साँसें... Hindi · कुण्डलिया 279 Share vinay pandey 12 Feb 2017 · 1 min read ऑगन का कानून *________ऑगन का कानून________* सन्नाटे को तोड़ रहा हूं सिर पर आफत लादे ! ऑगन के कानून अलग है समझ_समझ हम आधे ! सुन्दरता के चेहरे उखडे़ भोलेपन के नक्शे !... Hindi · कविता 511 Share vinay pandey 9 Feb 2017 · 1 min read मतदान कुछ तो खासियत है, इस प्रजातंत्र में, कुछ तो बात है, इस करामाती मंत्र में ! वोट देता हूँ फकीरों को, कमबख्त शहंशाह बन जाते है !! और हम हर... Hindi · कविता 709 Share vinay pandey 8 Feb 2017 · 1 min read पीडा़ मेरी पीडा़ मेरा धन है ! नहीं बॉटता मेरा मेरा मन ! सूम बने रहना ही बेहतर खुशहाली मे धर_ऑगन है ! विपदाओं का लम्बा दल_दल ! निकल न पाया... Hindi · कविता 722 Share vinay pandey 30 Jan 2017 · 1 min read क्या तुम गरीब हो क्या तुम गरीब हो? जिसे पीना पड़ता है हरवक्त अर्क क्या तुम अमीर हो? जिसे पड़ता नहीं कोई भी फर्क क्या तुम नये युग के गांधी हो? तब तो तुम्हें... Hindi · कविता 427 Share vinay pandey 27 Jan 2017 · 1 min read खूबसूरत एक खूबसूरत कविता,, _"रब" ने. नवाजा हमें. जिंदगी. देकर;_ _और. हम. "शौहरत" मांगते रह गये;_ _जिंदगी गुजार दी शौहरत. के पीछे;_ _फिर जीने की "मौहलत" मांगते रह गये।_ _ये कफन... Hindi · कविता 367 Share vinay pandey 27 Jan 2017 · 1 min read कहता है कोई कोई कहता हैं , बीवी बुरी हैं ! बहुत चिल्लाती हैं , बहुत भाषण देती हैं ! मगर कोई यह नही कहता हैं , बीवी मेरे लिये कितना चिन्ता करती... Hindi · कविता 1 311 Share vinay pandey 25 Jan 2017 · 1 min read खुशियॉ खुशियाँ चुनते चुनते , कब मैं गम चुन लिये ! अब जागू रात भर , आँखो में सजाये आँसु अब ! जरा सी हँसी थी , गम ने आकर जकड़... Hindi · कविता 257 Share vinay pandey 25 Jan 2017 · 1 min read दिल की सुनो दिल की सुनो दिल क्या चाहत हैं ...... जहां दिल रोता हो , वहां कभी न रहा करो ...... डिप्रेशन ज्यादा ही बढ़ जाता हैं ! कभी टूटता हैं ,... Hindi · कविता 302 Share vinay pandey 24 Jan 2017 · 1 min read बच्चो को रोटी *___________बच्चो को रोटी___________* भाला चुभा हुआ सीने मे पीडा़ असहय हुई है फिर भी भाग दौड़कर जुटा रहा हूं मै बच्चो को रोटी ! मॉ पिता पत्नी के चेहरे आग... Hindi · कविता 583 Share vinay pandey 17 Jan 2017 · 1 min read रचना सुनी सी हैं अब , वो गिलिया चला करते थे जीन पर ! कूछ दर्द भरी गज़ल , वो हर वक़्त गुन गूनाया करते थे तब ! उनकी आहट से... Hindi · कविता 505 Share