Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Tag: कविता
27 posts
जब
जब "बुढ़ापा" अकेले बिताना ही था
पा'रस' जी
"दिल" में बसाया जाता नहीं,
पा'रस' जी
हम लड़के ऐसे होते हैं।
हम लड़के ऐसे होते हैं।
पा'रस' जी
एक अरसा हो गया
एक अरसा हो गया
पा'रस' जी
जब याद आते हैं
जब याद आते हैं "बीते लम्हें"
पा'रस' जी
मजबूर मजदूर चला
मजबूर मजदूर चला "गांव की ओर"
पा'रस' जी
जिंदगी की
जिंदगी की "दौड़"
पा'रस' जी
थम सा गया है
थम सा गया है "देश"
पा'रस' जी
एक सैनिक की
एक सैनिक की "अभिलाषा"
पा'रस' जी
"आबरू" हुई लाचार
पा'रस' जी
मेरी बिटिया
मेरी बिटिया "रानी"
पा'रस' जी
पावन करता
पावन करता "तीर्थ"
पा'रस' जी
परिवार को संभाले रखते
परिवार को संभाले रखते "बेटे"
पा'रस' जी
"बापू" तेरे देश मैं
पा'रस' जी
जल ही
जल ही "जरूरत"
पा'रस' जी
"मृत्युभोज"में कैसी मौज
पा'रस' जी
दूरभाष ने बढ़ाई
दूरभाष ने बढ़ाई "दूरियां"
पा'रस' जी
"माँँ" ममतामयी
पा'रस' जी
ऑनलाइन का
ऑनलाइन का "क्रेज़"
पा'रस' जी
आज का आम
आज का आम "आदमी"
पा'रस' जी
जन्मदिवस सरकार का
जन्मदिवस सरकार का
पा'रस' जी
पितरों का तर्पण
पितरों का तर्पण"
पा'रस' जी
आस्था डूबी ताल मैं
आस्था डूबी ताल मैं
पा'रस' जी
किस्मत रुपयों की
किस्मत रुपयों की
पा'रस' जी
क्या है जिंदगी ?
क्या है जिंदगी ?
पा'रस' जी
प्रकृति का कहर
प्रकृति का कहर
पा'रस' जी
गणपति जी हैं सबके प्यारे
गणपति जी हैं सबके प्यारे
पा'रस' जी
Loading...