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कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
इशरत हिदायत ख़ान

हम कहाँ से कहाँ आ गए हैं। पहले के समय में आयु में बड़ों का स
इशरत हिदायत ख़ान

सर्दी में कोहरा गिरता है बरसात में पानी।
इशरत हिदायत ख़ान

जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाजा न कर सके उसक
इशरत हिदायत ख़ान

आप लाख प्रयास कर लें। अपने प्रति किसी के ह्रदय में बलात् प्र
इशरत हिदायत ख़ान

टूटे तारे
इशरत हिदायत ख़ान