Mamta Singh Devaa Tag: राम 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mamta Singh Devaa 3 Feb 2024 · 1 min read मुझ जैसा रावण बनना भी संभव कहां ? प्रभु श्री राम बनना असंभव है मुझ जैसा रावण बनना भी संभव कहां ? कुछ अवगुण थे मेरे अंदर सौ गुण थे भर भर कर , वो गुण अपने अंदर... Poetry Writing Challenge-2 · अहंकार · कर्म · मर्यादापुरूषोत्तम · राम · रावण 127 Share Mamta Singh Devaa 27 Jan 2024 · 1 min read तो मैं राम ना होती....? अगर मुझे अन्याय सहना आता तो मैं राम ना होती अगर मुझे क्रोध में भी चुप रहना आता तो मैं राम ना होती ? अगर मुझे विपरीत स्थिति को स्वीकारना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · न्याय · राम · वनवास 194 Share