Tag: कविता
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प्रेम महज ढ़ाई अक्षर का शब्द नहीं
कुमार संदीप
आए थे जहाँ से वहीं चले जाओ
कुमार संदीप
माँ।
कुमार संदीप
कविता का शीर्षक:-हे ईश्वर मालिक हे दाता
कुमार संदीप