राजेंद्र हिंदुस्तानी 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid राजेंद्र हिंदुस्तानी 18 Jan 2018 · 1 min read मुक्तक चला हूं अपनी नहीं अपनों की तकदीर बदलने, बदल पाया नहीं कभी उनकी तकदीर बदलने । चुनीं राह जो उसने चला उसपर दुनिया बदलने , दुनिया कब बदली है किसी... Hindi · मुक्तक 2 1 546 Share राजेंद्र हिंदुस्तानी 17 Jan 2018 · 1 min read मुक्तक चाहता हूं दौलत ज़हान से ज्यादा जान मेरी, मुझे पता है तूं मेरी होकर हो गई पराई जान मेरी । ख्याल रहता है सदा उसका अपने सिवा जान मेरी, तूं... Hindi · मुक्तक 1 1 303 Share