Kamal Deependra Singh Tag: शृंगार रस 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Kamal Deependra Singh 25 Jan 2023 · 1 min read तेरे बिन तेरे बिन, तेरे बिन, तेरे बिन... है नहीं, है नहीं, कुछ नहीं... तेरे संग, तेरे संग, तेरे संग.. आफ़रीं, आफ़रीं, ज़िंदगी... जिया जाए न तेरे बिना...×३ तू ही अब, तू... Hindi · गीत · प्रेमगीत · मुक्तक · शृंगार रस 2 285 Share