Kamal Deependra Singh Tag: मुक्तक 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kamal Deependra Singh 8 Feb 2023 · 1 min read शृंगार चूम लूँ इन अंधेरों के एहसास को, कतरा-कतरा पिघलते ये ज़ज़्बात को लेके अग्नि को बाहों में मोम सो गया, ऊर्मियों में सिमटती सी ये रात है.... चूम लूँ इन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · प्रेम गीत · मुक्तक · संयोग श्रृंगार 2 270 Share Kamal Deependra Singh 25 Jan 2023 · 1 min read नारी हूँ मैं नारी हूँ मैं, नारी हूँ मैं, नारी हूँ, मैं नारी हूँ... नारी हूँ मैं, नारी हूँ मैं, नारी हूँ, मैं नारी हूँ... तू मुझसे क्या टकराएगा, मैं इक तलवार दुधारी... Hindi · गीत · नारी शक्ति · नारी सम्मान · मुक्तक 2 213 Share Kamal Deependra Singh 25 Jan 2023 · 1 min read तेरे बिन तेरे बिन, तेरे बिन, तेरे बिन... है नहीं, है नहीं, कुछ नहीं... तेरे संग, तेरे संग, तेरे संग.. आफ़रीं, आफ़रीं, ज़िंदगी... जिया जाए न तेरे बिना...×३ तू ही अब, तू... Hindi · गीत · प्रेमगीत · मुक्तक · शृंगार रस 2 285 Share Kamal Deependra Singh 24 Jan 2023 · 1 min read जीवन पथ यह गीत मेरे दिल के बहुत करीब है क्योंकि इसमें पापा की प्रेरणा है। ये जीवन युद्ध है प्यारे, तुझे हर हाल में लड़ना है, आशाओं के पर लेकर, तुझे... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · प्रेरणादायक · मुक्तक 1 229 Share Kamal Deependra Singh 23 Jan 2023 · 1 min read प्रिये प्रीत की इक सफलतम कहानी हो तुम अप्सरा सी कोई ज़िन्दगानी हो तुम।। प्रीत की इक सफलतम कहानी हो तुम, अप्सरा सी कोई ज़िन्दगानी हो तुम, तुमसे मिलके प्रिये, प्रेम... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 3 2 457 Share