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17 Sep 2018 · 1 min read

अतृप्त अधर

अतृप्त अधर
टेसू के फूल
लाल सुर्ख अंगार
अतृप्त अधर
प्रणय प्रखर
मन आतुर अनंत
पुलकित कंत
स्नेहिल बौछार
तुमुल द्वन्द्व
नेह निस्पन्द
छुअन मदभरी
तन बल्लरी
अमिय रस धार।
-©नवल किशोर सिंह

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