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17 Sep 2018 · 1 min read

मुक्तक

हे नारी तुम विश्वकर्मा हो, तुम जीवन का आधार हो,
तुम तो ममता का सागर हो, तुम शक्ति का भंडार हो ,
तुम जननी हो, निर्माता हो, तुम प्रकृति का वरदान हो,
कभी पुष्प सी हो कोमल तुम कभी लगे तलवार हो।

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