Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
2 Sep 2018 · 1 min read

जहाँ चाह है, वहीं राह है.

इर्ष्या मन में जगे, समझ लो यही डाह है,
पाने की इच्छा हो मन में, यही चाह है l
प्रगति पन्थ पर बढने की जिज्ञासा मन में,
सत्य यही है, “जहाँ चाह है वही राह है”l

Loading...