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29 Aug 2018 · 1 min read

ओह ! तो ये बात है ----तंज

ओह ! तो ये बात है

ईमानदारों के लिए सूखा
बईमानों पर बरसात है
ओह ! तो ये बात है…..

भृष्टों के लिए दिन
उत्कृष्ठों के लिए रात है
ओह ! तो ये बात है…..

अत्याचारों की बिसात है
हत्यारों को सौगात है
ओह ! तो ये बात है……

लायकों को बहुत अल्प
नालायकों को खैरात है
ओह ! तो ये बात है……

सज्जन फटेहाल है
दुर्जनों को जेवरात है
ओह ! तो ये बात है……

निष्कपटों को पृथक
लुटेरों की जात है
ओह ! तो ये बात है……

काहिलों को सिफारिश
मेधावियों को लात है
ओह ! तो ये बात है…..

अभद्रों को पंचाट
भद्रों पर घात है
ओह! तो ये बात है…..

शेरों को घास
गधों की औकात है
ओह ! तो ये बात है….

बेगुनाहों को मात है
गुनाहगारों की जमात है
ओह ! तो ये बात है…..

अपनों को लात
गैरों को भात है
ओह ! तो ये बात है…..

बैरियों को हाथ
हितैषियों को आघात है
ओह ! तो ये बात है…..

संतति में विगति
मन में जात-पात है
ओह ! तो ये बात है…..

प्रेम-प्रसंग पर दंभ
उन्मादों की बरात है
ओह ! तो ये बात है…..

___अजय “अग्यार

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