Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
16 Aug 2018 · 1 min read

"उम्र के साथ ज़िन्दगी सस्ती नहीं हो जाती"

उम्र के साथ ज़िन्दगी
सस्ती नहीं हो जाती
इंसानियत डूबती सी
कश्ती नहीं हो जाती
शायद कुछ लोगों के
मायने बदल जाते हैं
चेहरें पर आई झुर्रियां
देखकर वो डर जाते हैं
ये वक़्त ढला करता है
रंगरूप बदला करता है
बुढापा ऊबती सी कोई
इक़ बस्ती नहीं हो जाती
उम्र के साथ ज़िन्दगी
सस्ती नहीं हो जाती…..

किसको नहीं आता है?
किसको नहीं आया है?
इक़ नाम बता दें कोई
जिसकी बदली ना छाया
जिसकी बदली ना काया
उम्र ज़हरीला सा कोई
खंज़र नहीं हो जाती
बिन उपज कोई ज़मीं
बंजर नहीं हो जाती
सूरज ढला करता है
ये वक़्त टला करता है
रंगरूप बदला करता है
कर्ज़ में डूबती सी कोई
हस्ती नहीं हो जाती
उम्र के साथ ज़िन्दगी
सस्ती नहीं हो जाती
देखो उम्र के साथ ज़िन्दगी
सस्ती नहीं हो जाती………

___अजय “अग्यार

Loading...