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8 Aug 2018 · 1 min read

बचपन मे श्रीमान

मेरी यादों ने भरी, …….. …..ऐसी मित्र उड़ान !
लौट गया मन आज फिर, बचपन मे श्रीमान !!

पल में ही बचपन गया, पल में हुआ जवान !
पल मे हुआ अधेड़ कब, हुआ नही ये भान !!
रमेश शर्मा

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