Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
5 Aug 2018 · 1 min read

दांव

रोटी के रेशों में चेहरा दिखेगा,
उजली सहर में रंग गहरा दिखेगा।
सच्चे किस्सों पर झूठा मोल मिलेगा,
बीते दिनों का रास्ता गोल मिलेगा।

किसको मनाने के ख्वाब लेकर आये हो?
घर पर इस बार क्या बहाना बनाये हो?
रहने दो और बातें बढ़ेंगी,
पहरेदार की त्योरियां चढेगीं।
चलो हम कठपुतली बनकर देखें,
जलते समाज से आँखें सेंके।

हाथों की लकीरों में उलझ जाएगा,
हमें बचाने भी कोई हमसा ही आएगा।
फिर ना निकले कोई सिरफिरा,
तमाशबीनों का मज़ा किरकिरा।

कुछ तो मन बनाना पड़ेगा,
नहीं तो अपना कर्ज़ा बढ़ेगा।
चाल चलकर देख ही लो…
हाथ तो दोनों सूरत में मलना पड़ेगा।
========

Loading...