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29 Jul 2018 · 1 min read

ये शहर

???? ? ये शहर ?⚘⚘⚘⚘

ये शहर हैं कि यहाँ सवेरा नही होता,
सूरज तो ढलता है पर अंधेरा नही होता।

हवा हैं,पानी हैं पर वो ताजगी नही है,
ओस से भीगी हुई हरी-भरी ज़मीं नही है,
भोर में पंछियों का कलरव नही है गांव जैसा,
इसलिए सुबह होने का एहसास गंवारा नही होता!

ये शहर है कि यहाँ सवेरा नही होता,
सूरज तो ढलता है पर अंधेरा नही होता।

यहाँ लोग एक-दूसरे से अंजान है,
पड़ोस में हैं पर रिश्ते बेजान हैं,
कोई हाल-चाल नही पूछता यहाँ गांव जैसा,
क्योंकि यहाँ दिल से दिल्लगी नही होता!

ये शहर है कि यहाँ सवेरा नही होता,
सूरज तो ढलता है पर अंधेरा नही होता।

ना जाने कितने वर्षों से नही सोया हैं ये शहर,
अनवरत चलता रहता हैं नही थकता हैं ये शहर,
बिना भागम-भाग इसका गुजारा नही होता,
रोज रौंदते है लोग इसे, ये कभी बेचारा नही होता!

ये शहर है कि यहाँ सवेरा नही होता,
सूरज तो ढलता है पर अंधेरा नही होता।
@TheChaand

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