Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jul 2018 · 1 min read

गगन

गगन घन कीओढ़ ली ओढ़नी।
नाच उठा मन बनके मोरनी।
लूट लिया सभी चैन दिलों का-
बारिश है या दिल की चोरनी।
-लक्ष्मी सिंह

Language: Hindi
177 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all

You may also like these posts

ग़मों को रोज़ पीना पड़ता है,
ग़मों को रोज़ पीना पड़ता है,
Ajit Kumar "Karn"
हम पर एहसान
हम पर एहसान
Dr fauzia Naseem shad
मुक्तक __
मुक्तक __
Neelofar Khan
*आओ गाओ गीत बंधु, मधु फागुन आया है (गीत)*
*आओ गाओ गीत बंधु, मधु फागुन आया है (गीत)*
Ravi Prakash
माँ - मनहरण घनाक्षरी
माँ - मनहरण घनाक्षरी
Ram kishor Pathak
मैं कैसे कह दूँ कि खतावर नहीं हो तुम
मैं कैसे कह दूँ कि खतावर नहीं हो तुम
VINOD CHAUHAN
" मशहूर "
Dr. Kishan tandon kranti
$ग़ज़ल
$ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
sp79काम कन्दला खंडहर पुष्पावती नगरी बिलहरी कटनी (मध्य प्रदेश)
sp79काम कन्दला खंडहर पुष्पावती नगरी बिलहरी कटनी (मध्य प्रदेश)
Manoj Shrivastava
पेड़ से कौन बाते करता है ।
पेड़ से कौन बाते करता है ।
Buddha Prakash
प्रीत
प्रीत
विधानन्द सिंह'' श्रीहर्ष''
मिला जो है वही स्वीकार्य है,
मिला जो है वही स्वीकार्य है,
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
कुण्डलिया छंद
कुण्डलिया छंद
सतीश तिवारी 'सरस'
बसंत
बसंत
Shweta Soni
उत्कृष्ट हिन्दी
उत्कृष्ट हिन्दी
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
अब घोसले से बाहर निकलने को कहते हो
अब घोसले से बाहर निकलने को कहते हो
Trishika Dhara
..
..
*प्रणय प्रभात*
वेलेंटाइन एक ऐसा दिन है जिसका सबके ऊपर एक सकारात्मक प्रभाव प
वेलेंटाइन एक ऐसा दिन है जिसका सबके ऊपर एक सकारात्मक प्रभाव प
Rj Anand Prajapati
तमीज़ और तहज़ीब यूं विरासत में मिले हैं मुझे,
तमीज़ और तहज़ीब यूं विरासत में मिले हैं मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हाँ हम ऐसे ही बाल दिवस मनाते है - डी. के. निवातिया
हाँ हम ऐसे ही बाल दिवस मनाते है - डी. के. निवातिया
डी. के. निवातिया
खामोशी गवाह थी
खामोशी गवाह थी
Vedkanti bhaskar
मेरी जिंदगी की खुशियां तेरे नाम करूंगा
मेरी जिंदगी की खुशियां तेरे नाम करूंगा
कृष्णकांत गुर्जर
*नन्हें के नन्हें कुंवर में नन्हें की परछाई*
*नन्हें के नन्हें कुंवर में नन्हें की परछाई*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
3336.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3336.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
त्रेता के श्रीराम कहां तुम...
त्रेता के श्रीराम कहां तुम...
मनोज कर्ण
दिलबरी
दिलबरी
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कलम का जादू चल रहा, तो संसार तरक्की कर रहा।
कलम का जादू चल रहा, तो संसार तरक्की कर रहा।
पूर्वार्थ
"मधुमास बसंत"
राकेश चौरसिया
अगर यह सब ना होते।
अगर यह सब ना होते।
shashisingh7232
सुनता जा शरमाता जा - शिवकुमार बिलगरामी
सुनता जा शरमाता जा - शिवकुमार बिलगरामी
Shivkumar Bilagrami
Loading...