Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
20 Jun 2018 · 1 min read

मनमानियाँ इश्क की

उफ्फ ये मनमानियाँ इश्क की…
तुझसे ही मिली रूमानियाँ इश्क की….
तेरी खुमारी के साए में जीती हूँ…
उफ्फ ये बेकरारियाँ इश्क की….
महफिलों में भी आलम तन्हाईंयों का…
ऐसी होती हैं दुश्वारियाँ इश्क की….
दिल के हर पन्ने पर लिखे नाम इश्क का…
उफ्फ ये कलम कारियाँ इश्क की….
रोम रोम में इस कदर जब रमा हो तू
क्यूँ ना करूँ गुलामियाँ इश्क की…
उफ्फ मदहोश ये बिमारियाँ इश्क की।
तू मेरा मैं तेरी..औ ये कहानियाँ इश्क की।……

Loading...