Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2018 · 1 min read

किसान

वो किसान और उसकी.किसानी ही है
जिसका कोई सानी हो नहीं सकता
पत्थरों को फोड़ कर
धाराओं को मोड़ कर
और कोई जीव को जीवन देने हेतु
बीज बो नहीं सकता
तपस्वी सा दिन रात स्वयम् भूख से लड़
दूसरों की भूख के शमन को
हड्डियों को रेत कर
अद्भुत साहस सेंत कर
हमेशा तैयार विसंगतियों के दमन को
कोई और प्रस्तुत हो नहीं सकता
वो किसान और उसकी किसानी ही है
जिसका कोई सानी हो नहीं सकता
भूख से जीतने की होड़ में अड़ा
दधिचि सा देश हित में
निछावर होने को खड़ा
अपवे रक्त की बूँदें
फसल के दानों मे करता जमा
वरना कहाँ से आता पोषण वहाँ!
और अंततः जब
उसका सारा सत् चुक जाता है
तब खंखड हुआ सूखा शरीर
फंदे पर झूलता नज़र आता है
स्वयम् को मिटा ,मिट्टी को जिंदगानी दे
ऐसा दूसरा जहाँ में हो नहीं सकता
वो किसान और उसकी किसानी ही है
जिसका कोई सानी हो नहीं सकता
धरतीपुत्रो ं के सिवा मिट्टी और खेतों में
अपना बुढ़ापा,अपनी जवानी
खो नहीं सकता
जीव को जीवन देने हेतु
बीज बो नहीं सकता
किसान का कोई
सानी हो नहीं सकता!!!!!
अपर्णा थपलियाल “रानू”
२८.०५.२०१८

Language: Hindi
478 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

सारी उपमा
सारी उपमा
Priya Maithil
मैं मजबूर हूँ
मैं मजबूर हूँ
सोनू हंस
ख़्वाब में हमसे मिल कभी आ के
ख़्वाब में हमसे मिल कभी आ के
Dr fauzia Naseem shad
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
Rj Anand Prajapati
सड़कों पर पत्थर तोड़कर
सड़कों पर पत्थर तोड़कर
Acharya Shilak Ram
जात ही पूछो साधू की!
जात ही पूछो साधू की!
Jaikrishan Uniyal
प्रमाणिका छंद
प्रमाणिका छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
पितृ दिवस
पितृ दिवस
Dr.Pratibha Prakash
जीवन का नया पन्ना
जीवन का नया पन्ना
Saraswati Bajpai
सम्मानार्थ प्रविष्ठियां आमंत्रित हैं
सम्मानार्थ प्रविष्ठियां आमंत्रित हैं
Mukesh Kumar Rishi Verma
#आज_की_बात-
#आज_की_बात-
*प्रणय प्रभात*
मानव जीवन की बन यह पहचान
मानव जीवन की बन यह पहचान
भरत कुमार सोलंकी
राष्ट्र भाषा -स्वरुप, चुनौतियां और सम्भावनायें
राष्ट्र भाषा -स्वरुप, चुनौतियां और सम्भावनायें
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
वजह आज मैं उसको नफ़रत करने की दे आई हूँ।
वजह आज मैं उसको नफ़रत करने की दे आई हूँ।
Madhu Gupta "अपराजिता"
कहां गयी वो हयादार लड़कियां
कहां गयी वो हयादार लड़कियां
shabina. Naaz
#हमें मजबूर किया
#हमें मजबूर किया
Radheshyam Khatik
The truth is:
The truth is:
पूर्वार्थ
स्पर्श
स्पर्श
Satish Srijan
जीवन का सफर
जीवन का सफर
Sunil Maheshwari
प्रकृति
प्रकृति
Bodhisatva kastooriya
” क्या रिश्ता ये निभाते हैं ? “
” क्या रिश्ता ये निभाते हैं ? “
ज्योति
"सत्य"
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
"दोस्ती-दुश्मनी"
Dr. Kishan tandon kranti
******** प्रेरणा-गीत *******
******** प्रेरणा-गीत *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मदर इंडिया
मदर इंडिया
Shekhar Chandra Mitra
*नए दौर में*
*नए दौर में*
Shashank Mishra
*आओ सब जन पार्क में, करो नित्य ही योग (कुंडलिया)*
*आओ सब जन पार्क में, करो नित्य ही योग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हम न रोएंगे अब किसी के लिए।
हम न रोएंगे अब किसी के लिए।
सत्य कुमार प्रेमी
अहमियत हमेशा उन्हें ही देनी चाहिए जो इसके लायक हों, न कि उन्
अहमियत हमेशा उन्हें ही देनी चाहिए जो इसके लायक हों, न कि उन्
पूर्वार्थ देव
लौह पुरुष - दीपक नीलपदम्
लौह पुरुष - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
Loading...