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10 Jun 2018 · 1 min read

छात्रों की आवाज।

#एक छोटी सी लेखनी।

एक दिन सहसा सूरज निकला, फिर क्या हुआ ?

उगते सूरज की लाली छाई, बच्चो की आवाज सुनाई।
उमड़ पड़ी उनसब की कतार, ये कैसी उमंग है लाई।।

हमने पूछा कहाँ चले सब, बच्चो ने एक बात बताई।
माँ शारदा के प्रांगण में, हमे अब करनी है पढाई।।

मत करो परवाह गैरो का, झेलो जंजीर छलांग लगाई।
संभालो अपने कदमो को, आगे हो सकती है गहराई।।

बिन बजरंगी श्री राम का, यज्ञ नाही पूरन होइ पाई।
हासिल कर इक मुकाम नया, हमने ये बच्चो को सिखाई।।

दीप्त करो तिमिर हयात ,हिम्मत की अपनी कलम उठाई।
किताबो के पन्नो में, दो तुम सारी जीवन बिताई।।

कुमार अनु ओझा

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