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3 Jun 2018 · 1 min read

कोई अपना नहीं

कहने को तो सब अपना है,
कितना सुंदर यह सपना है,
मायका है ,ससुराल भी है,
फिर भी कोई अपना ठिकाना नहीं,
अपना बना कर कोई अपनाता नहीं,
अपना होकर भी कोई न अपना है,
कितना सुंदर यह सपना है,
कहने को तो सब अपना है।।

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