Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2018 · 1 min read

मुक्तक

टूटते ख्वाबों के अफसाने बहुत से हैं!
चाहत की शमा के परवाने बहुत से हैं!
एक तू ही नहीं है आशिक पैमानों का,
जामे‍‌-मयकशी के दीवाने बहुत से हैं!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
335 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा।
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा।
Acharya Rama Nand Mandal
यह बात शायद हमें उतनी भी नहीं चौंकाती,
यह बात शायद हमें उतनी भी नहीं चौंकाती,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जीवन बड़ा अनमोल है यह सत्य मानिए,
जीवन बड़ा अनमोल है यह सत्य मानिए,
Anamika Tiwari 'annpurna '
छप्पन भोग
छप्पन भोग
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
मुस्कानों की बागानों में
मुस्कानों की बागानों में
sushil sarna
हर ज़िल्लत को सहकर हम..!
हर ज़िल्लत को सहकर हम..!
पंकज परिंदा
ग़म-ख़ुशी सब परख के चुप था वो- संदीप ठाकुर
ग़म-ख़ुशी सब परख के चुप था वो- संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
Desh Tak देश तक न्यूज़ चैनल से जुड़ने के लिए आफिशियल पेज को फॉलो करें।
Desh Tak देश तक न्यूज़ चैनल से जुड़ने के लिए आफिशियल पेज को फॉलो करें।
Desh Tak देश तक
मुक्तक - वक़्त
मुक्तक - वक़्त
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
VINOD CHAUHAN
लड़ेंगे और आगे बढ़ेंगे।
लड़ेंगे और आगे बढ़ेंगे।
Dhananjay Kumar
हो सके तो फिर मेरे दिल में जगह बनाकर देख ले
हो सके तो फिर मेरे दिल में जगह बनाकर देख ले
Jyoti Roshni
प्रसव की प्रतीक्षा
प्रसव की प्रतीक्षा
Akash Agam
हम अपनी बदनसीबी पर रोएं भी तो कितना
हम अपनी बदनसीबी पर रोएं भी तो कितना
Shweta Soni
ढीठ बनने मे ही गुजारा संभव है।
ढीठ बनने मे ही गुजारा संभव है।
पूर्वार्थ
कनक थाल बैठे दो दीपक
कनक थाल बैठे दो दीपक
Madhuri mahakash
रिश्ते निभाना जानता हूँ
रिश्ते निभाना जानता हूँ
Sudhir srivastava
🙅सावधान🙅
🙅सावधान🙅
*प्रणय प्रभात*
अच्छा होना भी
अच्छा होना भी
Dr fauzia Naseem shad
" बेघर "
Dr. Kishan tandon kranti
अलसस्य कुतो विद्या, अविद्यस्य कुतो धनम्। अधनस्य कुतो मित्रम्
अलसस्य कुतो विद्या, अविद्यस्य कुतो धनम्। अधनस्य कुतो मित्रम्
ललकार भारद्वाज
*भारत*
*भारत*
सुनीलानंद महंत
Happy Mother's Day
Happy Mother's Day
Saurabh Kumar
* चाय पानी *
* चाय पानी *
surenderpal vaidya
नववर्ष
नववर्ष
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
तन्हाइयों का दोष दूं, रुसवाइयों का दोष दूं।
तन्हाइयों का दोष दूं, रुसवाइयों का दोष दूं।
श्याम सांवरा
कुछ भी नहीं मुफ्त होता है
कुछ भी नहीं मुफ्त होता है
gurudeenverma198
मैं हिन्दुस्तानी !
मैं हिन्दुस्तानी !
Shyam Sundar Subramanian
मशीनी निर्भरता से कमजोर होती याददाश्त
मशीनी निर्भरता से कमजोर होती याददाश्त
अरशद रसूल बदायूंनी
#दोहे
#दोहे
Suryakant Dwivedi
Loading...