Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
15 May 2018 · 1 min read

मुक्तक

वादा किया मगर ना वादाखिलाफी की
अपनो के लिए नासूर अपनी जिंदगी की
कोई नही है साथ, हरिक गैर बन गया
जो मिला कबूल कर न कोई तिश्नगी की……

Loading...