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15 May 2018 · 1 min read

गज़ल

इश्क़
ग़ज़ल

रिश्ता वही ज़माने में पैर जमाये रहता है।
जो रिश्ता सबके दिलों ख़ास होता है।।।।।।

चेहरा खुशी से मेरा भी खिल जाता है ।
जब सनम का दिल मेरे पास होता है।।।।

दिल कुछ भी कर गुजरने को तैयार होता है।।।
जब दिलबर का मुझ पर विशवास होता है।।।।।

इश्क में मीठी मीठी सी चुंबन दर्द की आग लगा जाता हैं।
यही दर्द कम होता है।जब उनके आने का एहसास होता है।।।

दिल सोनू का ग़मो को देख सिहर जाता है।
जब इश्क करने वालों का जग में परिहास होता है।।

रचनाकार
गायत्री सोनू जैन
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